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11 Apr 2017 · 1 min read

खिड़की खुली है दिल की

खिड़की खुली है दिल की, झाको ज़रा तुम दिल में,
अरमान मेरे तूफान पर , निकल अब महफ़िल में ,

ना कोई तेरा ना कोई मेरा, साँझ से उतरे सवेरा,
जुल्फ़े बिखरी रहे तुम्हारी, धोखे में रहे अँधेरा,

खिड़की खुली है दिल की, झाको ज़रा तुम दिल में,

में कैसे करूँ बयान, कितना चाहा तुझको दिल ने,
हो गई शाम भी अब तो, आ जाओ मुझसे मिलने,

कदम रखो ज़मीं पर , तेरे साथ में चले सवेरा,
छूते ही किरण फूटे, उजाले से छट जाये अँधेरा,

खिड़की खुली है दिल की, झाको ज़रा तुम दिल में,

Language: Hindi
405 Views
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