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2 Apr 2017 · 1 min read

खबर

कुछ अखवारों के पन्नो को
सहेजकर रख लेता हूँ
समेट कर रख लेता हूँ
कुछ किस्से होते हैं इनमें
जो खींच लेते हैं अपनी ओर
दे जाते हैं एक तजुर्बा
ऐसे नहीं जीना,ऐसे जीना
पर हम पढ़के छोड़ जाते हैं
और एक खबर खबर ही रह जाती है।।
।।पंकज ।।।

Language: Hindi
1 Like · 216 Views
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