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25 May 2017 · 1 min read

खनक

खनके वलय,कंगना खनखन,
प्रिये तू चंचल सुंदर चपल।
सुनकर खनक तेरे कटक,कड़े की
दिल मेरा जाता है मचल।
चटक न जाए तेरे कंकण कंगना
ओ दीवानी ज़रा संभल के चल।

खनक तेरी पोंहची की देती
दिल पर मेरे सीधे दस्तक।
आस-पास रहतीं तेरे,
मेरी चेतना चूमने को तेरा मस्तक।

खिलखिला उठी मेरी जिंदगी
तेरी चूड़ी की खनक से।
खुशनुमा हो उठता वातावरण
तेरे चेहरे की चमक से।

खनक तेरी बातों में प्रिये
है खनक तेरे अंग संग में।
अपनी मधुर खनक से प्रिये
मेरा जीवन रंगा तूने खुश रंग में।

खनक सुरीली तेरी वाणी में
उत्साह भरती हर प्राणी में।
रूप में तेरे खनका सवेरा
मधुमय है श्रृंगार तेरा।

तेरे मन के भावों की
खनक से सुरभित होते फूल।
तेरी चाल की खनक से
चंदन बनती धूल।

मरुस्थल में भी तेरी खनक से
है नव बसंत खिल जाता।
खिल जाती कलियां हर दिल की
ग़म सबका छू हो जाता।

चारू चंद्र की चंचल किरणों सी
है खनक तेरे कंगना की।
फाग राग अनुराग है नीलम
तू पी के अंगना की।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
307 Views
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