Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2016 · 1 min read

क्युँ नहीं है

हम हार के भी मुस्कुराते है
तू जीत कर खुश क्युँ नहीं है
एहसास है मुझे तेरे गम का
तू मेरे जख्मों से रूबरू क्युँ नहीं है
मेरे हर लब्ज़ में तेरा नाम है
तुझमे मेरी धड़कने क्युँ नहीं है
वक्त चल रहा है तो तू
ठहरा सा क्युँ है
शायद मेरी कुछ साँसे
तुझमे रह गयी है
मेरा ये दिल आज भी
संभलता क्युँ नहीं है

– सोनिका मिश्रा

Language: Hindi
Tag: शेर
495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
".... कौन है "
Aarti sirsat
बुद्ध भगवन्
बुद्ध भगवन्
Buddha Prakash
सजावट की
सजावट की
sushil sarna
दिल तेरी राहों के
दिल तेरी राहों के
Dr fauzia Naseem shad
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
स्त्री श्रृंगार
स्त्री श्रृंगार
विजय कुमार अग्रवाल
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
Sampada
मर्दों वाला काम
मर्दों वाला काम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भोले भाले शिव जी
भोले भाले शिव जी
Harminder Kaur
जय भोलेनाथ
जय भोलेनाथ
Anil Mishra Prahari
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
तुम पतझड़ सावन पिया,
तुम पतझड़ सावन पिया,
लक्ष्मी सिंह
यह समय / MUSAFIR BAITHA
यह समय / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
राजा-रानी अलविदा, अब जन की सरकार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-325💐
💐प्रेम कौतुक-325💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"किसान"
Slok maurya "umang"
"फेड्डल और अव्वल"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गज़रा
गज़रा
Alok Saxena
हर परिवार है तंग
हर परिवार है तंग
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
Ranjeet kumar patre
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
हम वो फूल नहीं जो खिले और मुरझा जाएं।
Phool gufran
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
एक तरफ
एक तरफ
*Author प्रणय प्रभात*
3182.*पूर्णिका*
3182.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...