Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2017 · 1 min read

* क्या हम शरीफ इतने कमजोर होते हैं *

कितनी अजीब बात है दोस्तों
शरीफ कभी एक नही होते हैं
बदमाश एक होकर भी अनेक
अनेक होकर भी एक होते हैं
ज़रा सोचो विचार करो दोस्तों
क्या हम ………………………
शरीफ इतने कमजोर होतेँ है।।
????????????????₹?????
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
2846.*पूर्णिका*
2846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
****वो जीवन मिले****
****वो जीवन मिले****
Kavita Chouhan
*पशु से भिन्न दिखने वाला .... !*
*पशु से भिन्न दिखने वाला .... !*
नेताम आर सी
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हर इंसान होशियार और समझदार है
हर इंसान होशियार और समझदार है
पूर्वार्थ
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
Kshma Urmila
एक प्यार का नगमा
एक प्यार का नगमा
Basant Bhagawan Roy
बादलों की उदासी
बादलों की उदासी
Shweta Soni
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
दिल का भी क्या कसूर है
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
जीभर न मिलीं रोटियाँ, हमको तो दो जून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विकास की जिस सीढ़ी पर
विकास की जिस सीढ़ी पर
Bhupendra Rawat
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
पोथी- पुस्तक
पोथी- पुस्तक
Dr Nisha nandini Bhartiya
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
शब्दों मैं अपने रह जाऊंगा।
गुप्तरत्न
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
छोड़ दिया
छोड़ दिया
Srishty Bansal
बारिश पड़ी तो हम भी जान गए,
बारिश पड़ी तो हम भी जान गए,
manjula chauhan
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
बेटी के जीवन की विडंबना
बेटी के जीवन की विडंबना
Rajni kapoor
💐प्रेम कौतुक-291💐
💐प्रेम कौतुक-291💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंतज़ार मिल जाए
इंतज़ार मिल जाए
Dr fauzia Naseem shad
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
चलती जग में लेखनी, करती रही कमाल(कुंडलिया)
Ravi Prakash
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
Loading...