Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2017 · 1 min read

!! क्या ?? हम जिन्दा नहीं हैं ??!!

प्रक्रति, जिस की वजह से
आज हम सब जिन्दा हैं
यह नहीं है है अगर
तो हम सब मुर्दा हैं

उसके बावजूद भी
काट राहे हैं पेड़ दिन रात
बना रहे हैं महल
अपने सकून के लिए

काट काट कर पहाड़ का
सीना, रास्ते बन रहे हैं
चीरहरण करके नदिओं का
हम वीर बन रहे हैं

जीना है अगर तो
इन को संजो के रखना होगा
इस धरोहर को हर इंसान के
जीवन संग पिरो के रखना होगा

पानी है तो जीवन है,
वृक्ष है तो जिन्दगी है
पहाड़ है अगर तो हम सुरक्षित हैं
मिटा दिया सब को तो हमारी मौत है

सब का यह कर्तव्य है की
पर्यावरण से इतना प्रेम करो
जितना करते हो अपनी संतान से
उसे भी ज्यादा इन से प्रेम करो !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
Dr. Man Mohan Krishna
Moral of all story.
Moral of all story.
Sampada
तेरा बना दिया है मुझे
तेरा बना दिया है मुझे
gurudeenverma198
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
Ravi Prakash
फितरत
फितरत
Srishty Bansal
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
'अशांत' शेखर
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
सच
सच
Neeraj Agarwal
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
प्रणय 8
प्रणय 8
Ankita Patel
लंगोटिया यारी
लंगोटिया यारी
Sandeep Pande
दोहे
दोहे
दुष्यन्त 'बाबा'
अरमान
अरमान
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"चुम्बकीय शक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
दर्द की मानसिकता
दर्द की मानसिकता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इक धुँधला चेहरा, कुछ धुंधली यादें।
इक धुँधला चेहरा, कुछ धुंधली यादें।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
2395.पूर्णिका
2395.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
■ पाठक लुप्त, लेखक शेष। मुग़ालते में आधी आबादी।
*Author प्रणय प्रभात*
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
दिल की दहलीज़ पर जब कदम पड़े तेरे ।
Phool gufran
मुश्किल है बहुत
मुश्किल है बहुत
Dr fauzia Naseem shad
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है।
सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है।
Manisha Manjari
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
बड़ा मायूस बेचारा लगा वो।
सत्य कुमार प्रेमी
लड़की
लड़की
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संतुलित रखो जगदीश
संतुलित रखो जगदीश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जनाब बस इसी बात का तो गम है कि वक्त बहुत कम है
जनाब बस इसी बात का तो गम है कि वक्त बहुत कम है
Paras Mishra
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
*ख़ुद मझधार में होकर भी...*
Rituraj shivem verma
Loading...