कौमी एकता
मज़हबी दांव पेच मत खेलो
मुल्क मत सूनसान होने दो।
मंदिरों में भी घंटे बजने दो,
मस्ज़िदों में अज़ान होने दो।
-दीपक अवस्थी
(८८९६०९८५६७)
मज़हबी दांव पेच मत खेलो
मुल्क मत सूनसान होने दो।
मंदिरों में भी घंटे बजने दो,
मस्ज़िदों में अज़ान होने दो।
-दीपक अवस्थी
(८८९६०९८५६७)