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21 Apr 2017 · 1 min read

कौमी एकता

मज़हबी दांव पेच मत खेलो
मुल्क मत सूनसान होने दो।

मंदिरों में भी घंटे बजने दो,
मस्ज़िदों में अज़ान होने दो।

-दीपक अवस्थी
(८८९६०९८५६७)

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