Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jan 2017 · 1 min read

कौन हो तुम

कौन हो तुम जो चुपके से
अंदर चले आ रहे हो
कौन हो तुम जो बिन आहट
अन्तस मैं दस्तक दे रहे हो
फूल मुरझा कर बिखर चुके
हरियाली का निशाँ तक नहीं
ये स्याह सी काली रातें
गम और दर्द से भरे दिन
कौन हो तुम जो इस निर्जन में
उम्मीद बाँधे आ रहे हो
कौन हो तुम जो इत्मीनान से
बिखरे पन्ने फ़िर से समेट रहे हो
छपा है क्या अब भी इनमें कुछ
बचा है क्या अब भी कुछ
किन रास्तों को पार कर
अजनबी तुम यहाँ तक आ गये
पैरों के निशां तक तो मिटा दिये थे
परछाई भी साथ छोड़ चुकी
फिर कैसे तुम इस वीरान बंजर में
तुम क्यों आ गये
कौन हो तुम? कौन हो तुम?

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 697 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
थक गये है हम......ख़ुद से
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*हिम्मत जिंदगी की*
*हिम्मत जिंदगी की*
Naushaba Suriya
तुझमें : मैं
तुझमें : मैं
Dr.Pratibha Prakash
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
वर्तमान परिदृश्य में महाभारत (सरसी)
नाथ सोनांचली
यहाँ कुशलता रेंगती, वहाँ बताएँ मित्र (कुंडलिया)
यहाँ कुशलता रेंगती, वहाँ बताएँ मित्र (कुंडलिया)
Ravi Prakash
2549.पूर्णिका
2549.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
महल था ख़्वाबों का
महल था ख़्वाबों का
Dr fauzia Naseem shad
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
सूरज उतरता देखकर कुंडी मत लगा लेना
सूरज उतरता देखकर कुंडी मत लगा लेना
कवि दीपक बवेजा
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
Shyam Sundar Subramanian
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
सर्दी में जलती हुई आग लगती हो
Jitendra Chhonkar
#वंदन_अभिनंदन
#वंदन_अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
Ranjana Verma
पास नहीं
पास नहीं
Pratibha Pandey
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
रंगों में रंग जाओ,तब तो होली है
Shweta Soni
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
कविता
कविता
Rambali Mishra
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
आचार संहिता
आचार संहिता
Seema gupta,Alwar
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
gurudeenverma198
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
सर्द और कोहरा भी सच कहता हैं
सर्द और कोहरा भी सच कहता हैं
Neeraj Agarwal
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सकारात्मकता
सकारात्मकता
Sangeeta Beniwal
Loading...