Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2016 · 1 min read

कुण्डलिया छंद

खिड़की को देखूँ कभी,कभी घड़ी की ओर,
नींद हमें आती नहीं ,कब होगी अब भोर।
कब होगी अब भोर ,खेलने हमको जाना,
मारें चौक्के छक्के, हवा में गेंद उड़ाना।
कह ‘अम्बर’ कविराय,पड़ोसन हम पर भड़की।
जोर जोर चिल्लाये ,देखकर टूटी खिड़की।
-अभिषेक कुमार अम्बर

2 Comments · 337 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"नया दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
!! दूर रहकर भी !!
!! दूर रहकर भी !!
Chunnu Lal Gupta
गौरवमय पल....
गौरवमय पल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
सोचो अच्छा आज हो, कल का भुला विचार।
आर.एस. 'प्रीतम'
The steps of our life is like a cup of tea ,
The steps of our life is like a cup of tea ,
Sakshi Tripathi
जुबाँ चुप हो
जुबाँ चुप हो
Satish Srijan
देना और पाना
देना और पाना
Sandeep Pande
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
गलतियाँ हो गयीं होंगी
गलतियाँ हो गयीं होंगी
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
gurudeenverma198
"मोहे रंग दे"
Ekta chitrangini
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/166.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बहू-बेटी
बहू-बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
■ स्वयं पर संयम लाभप्रद।
*Author प्रणय प्रभात*
माँ का आशीर्वाद पकयें
माँ का आशीर्वाद पकयें
Pratibha Pandey
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
होली
होली
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
अज़ीज़ टुकड़ों और किश्तों में नज़र आते हैं
Atul "Krishn"
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
खुद से सिफारिश कर लेते हैं
Smriti Singh
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कवि दीपक बवेजा
Who's Abhishek yadav bojha
Who's Abhishek yadav bojha
Abhishek Yadav
Loading...