Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2016 · 1 min read

कुंडलिया

चित्र अभिव्यक्ति-
“कुंडलिया”

बर्फ़ीले पर्वत धरें, चादर अमल सफ़ेद
लाल तिरंगा ले खड़ा, भारत किला अभेद
भारत किला अभेद, हरा केसरिया झंडा
धवल मध्य में चक्र, शांति सुनहरा डंडा
कह गौतम चितलाय, युद्ध अतिशय ख़र्चीले
छद्म पाँव गलि जांय, पाक पर्वत बर्फ़ीले॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

223 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
सुरनदी_को_त्याग_पोखर_में_नहाने_जा_रहे_हैं......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
संसद बनी पागलखाना
संसद बनी पागलखाना
Shekhar Chandra Mitra
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
हर एक शख्स से उम्मीद रखता है
कवि दीपक बवेजा
Honesty ki very crucial step
Honesty ki very crucial step
Sakshi Tripathi
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
LALSA
LALSA
Raju Gajbhiye
सुकून की चाबी
सुकून की चाबी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अनगढ आवारा पत्थर
अनगढ आवारा पत्थर
Mr. Rajesh Lathwal Chirana
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
Irshad Aatif
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
मदिरा वह धीमा जहर है जो केवल सेवन करने वाले को ही नहीं बल्कि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक बंदर
एक बंदर
Harish Chandra Pande
कैसे हमसे प्यार करोगे
कैसे हमसे प्यार करोगे
KAVI BHOLE PRASAD NEMA CHANCHAL
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं,
Manisha Manjari
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
घुंटन जीवन का🙏
घुंटन जीवन का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"बकरी"
Dr. Kishan tandon kranti
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंद अशआर - हिज्र
चंद अशआर - हिज्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
Loading...