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11 Jun 2017 · 1 min read

किसी की याद में तडपु किसी की याद में जागु,

किसी की याद में तडपु किसी की याद में जागु,
किसी के वादे है झुठे किसी की कसमें है झुठी ,
में अपने दिल को समझाउ या कोई गीत में गाउ ,
अफसाना प्‍यार का मेरे फसाना किसको सुनाउ ,
खाए है धोख्‍ो मेने प्‍यार में इस कदर ,
कि जिसको चाहता हु वो दगा कर देता है दिल से ,
हमारे दिल में रह -रहकर उमड रही है उसकी बातें ,
आशिकाना दिल हमारा पागल यह इसको कैसे समझाउ ,
बेवफा है जो वो इसकाे कैसे समझाउ ,
वफा करने की सजा मेरी आॅखो ने पायी है ,
अब तो रोज झरते है उसकी याद में ऑसू ,
लगता है आज फिर से उसकी मधुर याद आयी है ,
इसलिए ही तो आज मेरे होठो पर मधुर मुस्‍कान छाई है ,
आकर के ऐसे वो दबे पाव जा रही ,
जैसे हद्रय में से धडकन है जा रही ,
उसे कोई कह दो मेरे यारो की वो गहलाेत को अपनाए ,
मेरे ख्‍वाबो में न आए मेरी नीदें न चुराए ,
में उसकी याद में तडपु वो मुझको आकर के मिल जाए ,
मेरे जीवन में वो आए मेरा जीवन सॅवर जाए ,
किसी की याद में तडपु किसी की याद में जागु ,
किसी के वादे है झुठे किसी की कसमें है झुठी ,
में अपने दिल को समझाउ या कोई गीत मे गाउ ,
भरत गहलोत
जालोर राजस्‍थान
सम्‍पर्क -7742016184

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