Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Oct 2016 · 1 min read

किताब-ए-इश्क़

किताब-ए-इश्क़ के हर पन्ने पर एक ही ख़ुशबू थी,
इबादत-इ-इश्क़ का कभी नूर नहीं जाता।
हवा उड़ा तो देती है सूखे हुए पत्तों को,
शज़र कभी जड़ो से दूर नहीं जाता।
*** ***

ज़िन्दगी इतनी हसीन तो नहीं,
पर तुम्हारे इन्तजार में जिए जा रहे हैं।
ज़हर कौन पीता है जानबूझ कर,
इक हम हैं जो शौक से पिए जा रहे हैं।
*** ***

हर शख़्स के अपने किस्से हैं, अपनी कहानियाँ,
यादें गमगीन दे जाती हैं, हसीन जवानियाँ,
‘दवे’ ये तन्हाई ये सूनापन हर किसी के नसीब में नहीं,
कई तूफानों के बाद आती है ये वीरानियाँ।
*** ***

Language: Hindi
362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मम्मी की डांट फटकार
मम्मी की डांट फटकार
Ms.Ankit Halke jha
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
पिताजी का आशीर्वाद है।
पिताजी का आशीर्वाद है।
Kuldeep mishra (KD)
हसीन तेरी सूरत से मुझको मतलब क्या है
हसीन तेरी सूरत से मुझको मतलब क्या है
gurudeenverma198
मैं राम का दीवाना
मैं राम का दीवाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
*A date with my crush*
*A date with my crush*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐अज्ञात के प्रति-37💐
💐अज्ञात के प्रति-37💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
जिनके होंठों पर हमेशा मुस्कान रहे।
Phool gufran
कोतवाली
कोतवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ एक ही सलाह...
■ एक ही सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
शर्तों पे कोई रिश्ता
शर्तों पे कोई रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
2331.पूर्णिका
2331.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जाति बनाम जातिवाद।
जाति बनाम जातिवाद।
Acharya Rama Nand Mandal
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
प्रीति क्या है मुझे तुम बताओ जरा
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sukun usme kaha jisme teri jism ko paya hai
Sakshi Tripathi
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
नौनी लगै घमौरी रे ! (बुंदेली गीत)
नौनी लगै घमौरी रे ! (बुंदेली गीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
हिंदी है पहचान
हिंदी है पहचान
Seema gupta,Alwar
दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,
दरवाज़ों पे खाली तख्तियां अच्छी नहीं लगती,
पूर्वार्थ
शहीदों लाल सलाम
शहीदों लाल सलाम
नेताम आर सी
शिक्षा एवं धर्म
शिक्षा एवं धर्म
Abhineet Mittal
संतुलित रखो जगदीश
संतुलित रखो जगदीश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क खुदा का घर
इश्क खुदा का घर
Surinder blackpen
वार्तालाप अगर चांदी है
वार्तालाप अगर चांदी है
Pankaj Sen
मज़दूरों का पलायन
मज़दूरों का पलायन
Shekhar Chandra Mitra
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
तुम हकीकत में वहीं हो जैसी तुम्हारी सोच है।
Rj Anand Prajapati
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
*काँटा चाहिए साहिब 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Loading...