Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2017 · 2 min read

कान्हा से श्रीकृष्ण हो जाना

कान्हा से भगवान श्रीकृष्ण हो जाना एक यात्रा है, एक पथ है, मौन का गहरा सा अवतरण…। कान्हा हमारे मन के हर उस हिस्से में मचलते हैं, खिलखिलाते हैं, घुटनों के बल चलते हैं…जहां हम उन्हें अपने साथ महसूस करना चाहते हैं। कान्हा बचपन के शीर्ष हैं, कान्हा आदर्शों की जिद हैं, वे एक यथार्थ सच को बेहद सहजता से व्यक्त करना जानते हैं, वे कान्हा हैं और उनका होना हमें इस बात का भी अहसास करवाता है कि उम्र की ये समझदारी वाली सबसे छोटी सी गांठ बेशक दिखने में कमजोर होती है लेकिन भाव और अहसासों के बंध इसे मुखर बना देते हैं…। कान्हा के बचपन के पूरे कालखंड को समझें तो स्पष्ट हो जाता है कि वे जो भी करते रहे, उन्होंने जो भी किया या इस संसार को जो भी दिखाया वो जटिलतम सत्य था जिसे उन्होंने अपनी शैली से आसान बना दिया। वो लीलाएं…वो ब्रज और वृंदावन की गलियों में घूमने का सत भी एक सत्य उजागर करता है कि ये आयु, ये जीवन….उसी राह चलेगा जिस राह इसे चलना है लेकिन वो राह, वो सफर हम कैसे सहज और सुंदर बना सकते हैं….उसे कैसे अपने अनुकूल ढाल सकते हैं…ये हमें हमारे आराध्य सिखाते हैं। वे कान्हा रहे, वे कान्हा आज भी हैं…घर-घर और हमारे मन के झूलते सिंहासन में…। वे इसी रुप में हमें अधिक पसंद हैं, भाते हैं, वे इसी तरह मन में गहरे और गहरे समाते हैं….। वे जब कान्हा से श्रीकृष्ण हो जाते हैं तो एक अलग सी दिशा की ओर प्रशस्त हो जाते हैं, वे तब हमारी आस्था के परम हो जाते हैं, वे हमारे नेतृत्वकर्ता के रुप में नजर आते हैं…। उनके वचन, उनके गीता के उपदेश…हमें उनके एक ऐसे जीवन से मिलवाते हैं जो आध्यात्मकता का शिखर है, तप का परिणाम, मौन का मुखर और आस्था का उजास…। वे श्रीकृष्ण होकर चंचल नहीं हैं, तब वे एक संगठित हैं, चरम हैं और श्रेष्ठतम होने के सर्वोच्च विचार जैसे सुखद…। उनका वो चेहरा, उनका श्रीकृष्ण हो जाना….हमारी राह प्रशस्त करता है, हमें सिखाता है…उस मौन को महसूस कर उस पथ पर अग्रसर होने की एक किरण दिखाता है…। उनकी ये यात्रा हमेशा हमारे मन में गतिमान रहती है, हमारा मन उस यात्रा को महसूस करता है…वो परम की यात्रा….स्वर्णिम सी सुखद…।
संदीप कुमार शर्मा

Language: Hindi
Tag: लेख
383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मौत का रंग लाल है,
मौत का रंग लाल है,
पूर्वार्थ
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
छोड दो उनको उन के हाल पे.......अब
shabina. Naaz
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
मन चंगा तो कठौती में गंगा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
कुछ नहीं.......!
कुछ नहीं.......!
विमला महरिया मौज
आफ़ताब
आफ़ताब
Atul "Krishn"
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
जमाने की नजरों में ही रंजीश-ए-हालात है,
manjula chauhan
23/49.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/49.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
Vishal babu (vishu)
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
कवि रमेशराज
धीरे धीरे
धीरे धीरे
रवि शंकर साह
कविता- घर घर आएंगे राम
कविता- घर घर आएंगे राम
Anand Sharma
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
कभी कभी पागल होना भी
कभी कभी पागल होना भी
Vandana maurya
अबोध अंतस....
अबोध अंतस....
Santosh Soni
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
जिंदगी में एक रात ऐसे भी आएगी जिसका कभी सुबह नहीं होगा ll
Ranjeet kumar patre
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
किन मुश्किलों से गुजरे और गुजर रहे हैं अबतक,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक देश एक कानून
एक देश एक कानून
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सफलता और सुख  का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
खिलते फूल
खिलते फूल
Punam Pande
फिर वही शाम ए गम,
फिर वही शाम ए गम,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अपने मन के भाव में।
अपने मन के भाव में।
Vedha Singh
"जीवन का सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
शुभ होली
शुभ होली
Dr Archana Gupta
Loading...