Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2017 · 1 min read

” ——————————————– कांटों पे लेटे हैं ” !!

फौज यहां लड़ती है , नेता श्रेय लेते हैं !
शीश जहां झुकना हो , मुंह को फेर लेते हैं !!

विरोधी विरोध करे , मूंछें तानें सरकारें !
सर्जिकल स्ट्राइक को , हम सलाम देते हैं !!

फूलों से नाज़ुक नहीं , खेलते अंगारों से !
सीने पे खा गोलियां , जान यों ही देते हैं !!

दूध माँ का दौड़े है , रक्त सा शिराओं में !
आन की ही खातिर तो , प्राण लुटा देते हैं !!

सुहागन का सिंदूर है , कलाई की राखी है !
मादरे वतन के लिए , कांटों पे लेटे हैं !!

तिरंगा इन्हें प्यारा , सदा ये नमन करते !
अंतिम बिदाई भी ये , तिरंगे में लेते हैं !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही
अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही
Neelam Sharma
"मोल"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदा है हम
जिंदा है हम
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जाने  कौन  कहाँ  गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
जाने कौन कहाँ गए, सस्ते के वह ठाठ (कुंडलिया)
Ravi Prakash
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/195. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
Shyam Pandey
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
हम किसी के लिए कितना भी कुछ करले ना हमारे
Shankar N aanjna
कुंंडलिया-छंद:
कुंंडलिया-छंद:
जगदीश शर्मा सहज
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
जीवन तुम्हें जहां ले जाए तुम निर्भय होकर जाओ
Ms.Ankit Halke jha
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
सामने मेहबूब हो और हम अपनी हद में रहे,
Vishal babu (vishu)
*
*
Rashmi Sanjay
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
कृष्णकांत गुर्जर
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
कवि दीपक बवेजा
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"दूल्हन का घूँघट"
Ekta chitrangini
रैन  स्वप्न  की  उर्वशी, मौन  प्रणय की प्यास ।
रैन स्वप्न की उर्वशी, मौन प्रणय की प्यास ।
sushil sarna
जिसमें हर सांस
जिसमें हर सांस
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
कोई नहीं करता है अब बुराई मेरी
gurudeenverma198
मां कालरात्रि
मां कालरात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...