Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2017 · 2 min read

कहानी – ‘अहसास’

इस बार नव वर्ष पर वो उमंग कहाँ, उसमे भी बुखार । इसीलिए जब चंदुआ ने चिल्लाता ”दीदी जलेबी, गर्म है ” तो मीनू मैंडम खिड़की बंद कर ली ।
घने कोहरे, कमरे का दरवाजा-खिड़की सब बंद । सो कमरे का अन्धेरा चीरने के लिए मीनू मैंडम ने तीन मोमबत्तियाँ जलायी । बंद खिड़की के बावजूद चन्दुआ की ‘जलेबी जलेबी’ वाली आवाज दो-चार बार फिर आई । अब मैडम उसको यह कैसे समझाये कि इस बार का नया साल हर बार की तरह नही है । पर वो उसको बेवकूफ नही मानती है ,लेकिन हर किसी के लिये हर किसी के संवेदना को समझना आसान थोड़े ही होता है । यही कारण हैं कि राधा बाई के ‘चाय-चाय’ की तरह चन्दुआ के ‘जलेबी-जलेबी’ से वो चीड़ नही रही थी ।
वास्तव में, चन्दुआ से सीखने को बहुत कुछ था । खुद पानी में भींगते हुए छाता पकड़कर डॉo साहब को घर लाता है, अपनी तीन साल की बहन को दिखवाने केलिए । पान की गुमटी चलाने वाला १२ साल के चन्दुआ को टी वी से ही पता चल गया था कि बच्चे के लिए टीके कितने ख़ास होते है । लेकिन न जाने गाँव के कितने BA और MA पिता इसे फालतू मानते हैं , डॉo की नौंटंकी वह भी पैसा वसूल ने के लिए । और तो और, इसकी बहन जब एक साल की थी तो माँ मर गयी, और बाप तो उसके भी तीन महीने पहले, ट्रक से कुचल कर । पूरा गाँव कहता था ‘बेटी मर जायेगी, अनाथ जो हो गयी है ।’ पर चन्दुआ , नाबालिक ही सही पर अपनी बहन के लिए माँ और बाप दोनों बन गया । कौन कहता हैं कि बाप बनने के लिए पुरुष और माँ बनने के लिए स्त्री ही होना काफी हैं । कुछ भी बनने केलिए ”अहसास ” होना चाहिए । रिश्ते ”अहसाह ” से बनते है । ये राकेश बाबू कुछ भी बन पाये । न दोस्त, न पति, न बिजनेस पार्टनर, अरे ऐसे लोग तो अच्छे दुश्मन भी नही बन पाते है ।
राकेश के बारे में मीनू मैडम कुछ और सोच ही पाती तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक देना शुरू कर दिया । दस्तक की आवाज इतनी तेज और लगातार थी की मैडम को यह पता चल गया की सिन्हा साहब आ गए । तीखी आवाज से बचने के लिए मैडम झट से उठी और दरवाजा खोल दी । सिन्हा जी को लगा की वो मेरी अगुआई में मुस्कुरा रही है । पर वास्तव में यह मुस्कुराहट थी या बुखार तेज होने की वजह से कुछ क्षणों के लिए उनके ओंठ थरथराई थी , यह तो वो ही जाने, पर कुर्सी की ओर इशारा कर खुद खिड़की खोलने चली गयी |

Language: Hindi
650 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"गरीबों की दिवाली"
Yogendra Chaturwedi
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
(आखिर कौन हूं मैं )
(आखिर कौन हूं मैं )
Sonia Yadav
अक्सर हम ज़िन्दगी में इसलिए भी अकेले होते हैं क्योंकि हमारी ह
अक्सर हम ज़िन्दगी में इसलिए भी अकेले होते हैं क्योंकि हमारी ह
पूर्वार्थ
रंगे अमन
रंगे अमन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*जल-संकट (दोहे)*
*जल-संकट (दोहे)*
Ravi Prakash
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*Author प्रणय प्रभात*
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आदिकवि सरहपा।
आदिकवि सरहपा।
Acharya Rama Nand Mandal
अभिव्यक्ति के माध्यम - भाग 02 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति के माध्यम - भाग 02 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
कलम के सहारे आसमान पर चढ़ना आसान नहीं है,
Dr Nisha nandini Bhartiya
बेबाक
बेबाक
Satish Srijan
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
संस्कृति के रक्षक
संस्कृति के रक्षक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये पांच बातें
ये पांच बातें
Yash mehra
फितरत के रंग
फितरत के रंग
प्रदीप कुमार गुप्ता
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
न थक कर बैठते तुम तो, ये पूरा रास्ता होता।
सत्य कुमार प्रेमी
यादों की सुनवाई होगी
यादों की सुनवाई होगी
Shweta Soni
सर्दी
सर्दी
Dhriti Mishra
मुक्ति का दे दो दान
मुक्ति का दे दो दान
Samar babu
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
सूरज को ले आता कौन?
सूरज को ले आता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
The enchanting whistle of the train.
The enchanting whistle of the train.
Manisha Manjari
3226.*पूर्णिका*
3226.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होली और रंग
होली और रंग
Arti Bhadauria
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
Loading...