Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2017 · 1 min read

कवि /लेखक /पत्रकार से

कवि/लेखक तुम भावुक हो ,
संवेदनशील भी हो ।
किन्तु प्रश्न है ।
अच्छी चीजें तुम्हें
आल्हादित क्यों नहीं करतीं।
विद्रूप अपवाद भी
तुम्हें बड़ा लुभाते हैं
पत्रकार तुम बुद्धिमान हो
और सत्यन्वेषी भी ।
तुमने भी मान लिया है ।
सच कड़वा ही होता है ।
और उस कड़वाहट को ,
और गलीज बनाकर
ऐसे समय परोसना है,
की देश और समाज में
जो कुछ मिठास बाकी है ,
मुंह छुपा के बैठे ,
या तिरोहित हो जाये ।

Language: Hindi
279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Ranjan Goswami
View all
You may also like:
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"मैं नारी हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
कल सबको पता चल जाएगा
कल सबको पता चल जाएगा
MSW Sunil SainiCENA
भ्रम नेता का
भ्रम नेता का
Sanjay ' शून्य'
बरसात
बरसात
Bodhisatva kastooriya
मन-गगन!
मन-गगन!
Priya princess panwar
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मेरी हैसियत
मेरी हैसियत
आर एस आघात
अधूरी दास्तान
अधूरी दास्तान
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
2838.*पूर्णिका*
2838.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
देश भक्ति
देश भक्ति
Sidhartha Mishra
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
*नारी तुम गृह स्वामिनी, तुम जीवन-आधार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो नई नारी है
वो नई नारी है
Kavita Chouhan
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
Amit Pathak
मातृ दिवस या मात्र दिवस ?
मातृ दिवस या मात्र दिवस ?
विशाल शुक्ल
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
वर्षा ऋतु के बाद
वर्षा ऋतु के बाद
लक्ष्मी सिंह
☄️💤 यादें 💤☄️
☄️💤 यादें 💤☄️
Dr Manju Saini
बेटी
बेटी
Sushil chauhan
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
DrLakshman Jha Parimal
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
सजी कैसी अवध नगरी, सुसंगत दीप पाँतें हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
फ़ितरत-ए-धूर्त
फ़ितरत-ए-धूर्त
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ग़रीब
ग़रीब
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
लाचार जन की हाय
लाचार जन की हाय
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पत्नी रुष्ट है
पत्नी रुष्ट है
Satish Srijan
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
Loading...