Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2016 · 1 min read

कविता – शिक्षक

जैसे माली पौधों को सही करता है नित काट – छाँट कर ,
वैसे ही शिक्षक छात्रों को सही करता है डाँट – डाँट कर ।
कुम्भकारवत् छात्रों पर ऊपर से तो करता है बार ,
माँवत् अन्दर से छात्रों से वही शिक्षक करता है प्यार ।
वर्तनवत् जो चमकाता है छात्रों को नित माँज – माँजकर ।। जैसे …….
अनुभव के अनमोल कणों से जो छात्रों को सिखलाता है ,
खुद जलकर जो दीपकवत् छात्रों को सत्पथ दिखलाता है ।
छात्रों को जो शिक्षा देता ज्ञान को सब में बाँट – बाँट कर । जैसे …………..
Blackboard पर चौक घिस – घिस कर जो छात्रों को नित है पढाता ,
ICT का प्रयोग करके जो छात्रों को खूब सिखलाता ।
जो छात्रों को आगे बढाता उनकी योग्यता माप – माप कर ।। जैसे ………
समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वास को दूर भगाता ,
भूले – भटके वेबस लोगों को जो नित नयी राह दिखाता ।
जो समाज को आगाह करता आशंका को भाँप – भाँप कर ।। जैसे ……….
ब्रह्मा विष्णु कहाने वाले को माना ईश्वर से बढकर
जग को प्रकाशित करता जैसे रवि करता आसमान में चढ़कर ।
जो उद्देश्य को प्राप्त करता जैसे मेहनती करता हाँफ – हाँफ कर ।। जैसे ……….
आज वही शिक्षक बन रहा निजी प्रबन्ध की कठपुतली ,
बंदिशों अति अल्प वेतन के कारण जिसकी हालत रहती पतली ।
भयभीत सा वह रहने वाला नित जीता है काँप – काँप कर ।। जैसे ………..
:-डाँ तेज स्वरूप भारद्वाज -:

Language: Hindi
366 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खून के आंसू रोये
खून के आंसू रोये
Surinder blackpen
..सुप्रभात
..सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
तुझको को खो कर मैंने खुद को पा लिया है।
Vishvendra arya
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
अभिनव अदम्य
2278.⚘पूर्णिका⚘
2278.⚘पूर्णिका⚘
Dr.Khedu Bharti
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
ये कैसी शायरी आँखों से आपने कर दी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
क़ैद कर लीं हैं क्यों साँसे ख़ुद की 'नीलम'
क़ैद कर लीं हैं क्यों साँसे ख़ुद की 'नीलम'
Neelam Sharma
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"फूलों की तरह जीना है"
पंकज कुमार कर्ण
पल
पल
Sangeeta Beniwal
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
मेरे सपनों में आओ . मेरे प्रभु जी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पढ़ते है एहसासों को लफ्जो की जुबानी...
पूर्वार्थ
बहू-बेटी
बहू-बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
आज बाजार बन्द है
आज बाजार बन्द है
gurudeenverma198
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
सहयोग की बातें कहाँ, विचार तो मिलते नहीं ,मिलना दिवा स्वप्न
DrLakshman Jha Parimal
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
"सोच अपनी अपनी"
Dr Meenu Poonia
"शीशा और रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
अजहर अली (An Explorer of Life)
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सियासी खबरों से बचने
सियासी खबरों से बचने
*Author प्रणय प्रभात*
आंखें मेरी तो नम हो गई है
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
वक़्त के साथ वो
वक़्त के साथ वो
Dr fauzia Naseem shad
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
पहले नाराज़ किया फिर वो मनाने आए।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...