Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2017 · 1 min read

कविता क्या होती है…?

कविता क्या होती है…..?
इसे नहीं पता,उसे नहीं पता
मुझे नहीं पता………..!
कहते हैं कविगण-
कविता होती है मर्मशील विचारों का शब्द पुँज,
कविता होती है साहित्य की पायल,
कविता होती है शब्दों का हार।
कहते हैं शब्द शिल्पी-
कविता होती है मन की बात,
कविता होती है रस की धार,
कविता होती है शब्दों के उपवन की कुसुम कतार।
कहते हैं साहित्यकार-
कविता होती है कवि की लेखनी की हँसी,
कविता होती है समाज का आह्वान,
कविता होती है पाठक का सुकून।
मैं कहता हूँ
कविता होती है बेजुबानों की बोली,
कविता होती है अंधों की दृष्टि
कविता होती है साहित्य की झनकार,
कविता में समाया है सारा संसार ॥
© राजदीप सिंह इन्दा

2 Likes · 1 Comment · 742 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अहसान का दे रहा हूं सिला
अहसान का दे रहा हूं सिला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
2328.पूर्णिका
2328.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पत्नी
पत्नी
Acharya Rama Nand Mandal
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
"गुल्लक"
Dr. Kishan tandon kranti
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
चाँद की विकृति
चाँद की विकृति
*Author प्रणय प्रभात*
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
प्रेम में डूबे रहो
प्रेम में डूबे रहो
Sangeeta Beniwal
आया तीजो का त्यौहार
आया तीजो का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज
कवि रमेशराज
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
*रोते बूढ़े कर रहे, यौवन के दिन याद ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Sanjay ' शून्य'
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
बनाकर रास्ता दुनिया से जाने को क्या है
कवि दीपक बवेजा
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
मेरी बेटी मेरा अभिमान
मेरी बेटी मेरा अभिमान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
💐अज्ञात के प्रति-73💐
💐अज्ञात के प्रति-73💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
Loading...