कविता:क़िताबें
जब आदमी के हाथ में आती हैं क़िताबें।
तब आदमी को आदमी बनाती हैं क़िताबें।।
१.पढ़कर इन्हें कोई चाँद पर गया।
कोई डाक्टर,कोई इंज़ीनियर बन गया।
फ़र्श से अर्श की राह दिखाती हैं क़िताबें।
जब आदमी के……………..।
२.पढ़कर इन्हें कोई क़लेक्टर बन गया।
कोई नेता,कोई एक़्टर बन गया।
ज़ीरो से हीरो बनाती हैं बनाती हैं क़िताबें।
जब आदमी के……………..।
३.पढ़कर इन्हें कोई वैज्ञानिक बन गया।
कोई शिक्षक,कोई सैनिक बन गया।
अँधेरे को उजाले का पथ दिखाती हैं क़िताबें।
जब आदमी के……………….।
४.सच्चे दोस्त से बड़ा खज़ाना नहीं होता।
इनसे बड़ा दोस्त ये ज़माना नहीं होता।
बड़ी-बड़ी ख़ुशियां घर ले आती हैं क़िताबें।
जब आदमी के………………।
५.पढ़कर इन्हें कोई महाकवि बन गया।
कोई लेखक,कोई राष्ट्रछवि बन गया।
इनसे ही फिर क़िताबें लिखवाती हैं क़िताबें।
जब आदमी के ……………..।