Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2017 · 1 min read

कलम के सिपाही

कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा।
निशा-मध्य फैलाओ अनुपम सवेरा।

सुलेखन करो पर कभी भी रुको ना।
जाग्रति-सघनता से छूटे न कोना।
प्रेमी प्रबलता का लगने दो फेरा।
कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा।

अभी रूढ़िवादी चिंतन का साया।
अनपढ-जनों की वहाँ पर है माया।
डरैला कुपोषण अकिंचनता-डेरा।
कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा।

जवाँ हिंसा है व वहाँ पर लुटेरा।
इज्जत को लूटे सुनो चीख-टेरा।
अब तक धरा पर है अवनति का घेरा।
कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा।

कलम के सिपाही नमन तुमको मेरा।
निशा-मध्य फैलाओ अनुपम सवेरा।
——————–

पं बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

-डरैला=भयानक
………………..

●उक्त रचना जे एम डी पब्लिकेशन नई दिल्ली द्वारा वर्ष 2016 में प्रकाशित कृति/संकलन “काव्य अमृत”
ISBN:978-93-82340-40-9 में प्रकाशित हो चुकी है ।
●उक्त रचना का काव्यपाठ आकाशवाणी छतरपुर से दिनांक 17-07-2017को प्रसारित हो चुका है।
● उक्त रचना को “पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण के अनुसार परिष्कृत किया गया है।
● “पं बृजेश कुमार नायक की चुनिंदा रचनाएं” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजोन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 1046 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
तेरी मेरी तस्वीर
तेरी मेरी तस्वीर
Neeraj Agarwal
एक दोहा दो रूप
एक दोहा दो रूप
Suryakant Dwivedi
गम के बगैर
गम के बगैर
Swami Ganganiya
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
कोई ना होता है अपना माँ के सिवा
Basant Bhagawan Roy
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
राजनीति
राजनीति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ज़िंदा हो ,ज़िंदगी का कुछ तो सबूत दो।
ज़िंदा हो ,ज़िंदगी का कुछ तो सबूत दो।
Khem Kiran Saini
सन्मति औ विवेक का कोष
सन्मति औ विवेक का कोष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अर्ज किया है
अर्ज किया है
पूर्वार्थ
Winner
Winner
Paras Nath Jha
वर दो हमें हे शारदा, हो  सर्वदा  शुभ  भावना    (सरस्वती वंदन
वर दो हमें हे शारदा, हो सर्वदा शुभ भावना (सरस्वती वंदन
Ravi Prakash
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
दुनिया को ऐंसी कलम चाहिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पेट भरता नहीं
पेट भरता नहीं
Dr fauzia Naseem shad
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
Surinder blackpen
#ग़ज़ल / #कुछ_दिन
#ग़ज़ल / #कुछ_दिन
*Author प्रणय प्रभात*
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
:: English :::
:: English :::
Mr.Aksharjeet
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
बदली मन की भावना, बदली है  मनुहार।
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
Arvind trivedi
"सूदखोरी"
Dr. Kishan tandon kranti
23/19.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/19.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
धानी चूनर
धानी चूनर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"मनभावन मधुमास"
Ekta chitrangini
गीता में लिखा है...
गीता में लिखा है...
Omparkash Choudhary
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
Loading...