Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2016 · 2 min read

कलम का कमाल

कलम का कमाल

क्या कहु इस कलम को जाने ये क्या कर जाए,
हाथ लगी जैसी संगत वैसा कमाल कर दिखाए II

जब आई हाथ में नन्हे मुन्ने के खूब रंग सजाये
अजब गजब लकीरो में अपनी सौम्यता बिखराये II

जब-जब रही हाथ गुरु के कुछ नया सबक सिखाये
कर अपना जीवन अर्पण नवयुग का निर्माण कराये II

देखो ये सुन्दर तस्वीर,किन हाथो ने करतब रचाये
कैसा सुन्दर घरोंदा बने जब वास्तुकार नक्शा बनाये II

नौकरशाह के जब हाथ में हो ये खूब नाच नचाये
आगे पीछे दौड़े दुनिया फिर भी खून के आंसू रुलाये II

छुए हाथ जब न्यायाधिपति का जीवन सफल बनाये
कर इन्साफ सच झूठ का दुनिया को न्याय दिलाये II

करती कभी ऐसा गजब भी देख तन-मन थर्राए
कसूरवार को बरी करे और बेकसूर शूली चढ़ जाए II

कह सके न जो जुबान से वो ये कर दिखलाती है
देखो कैसे मजनू को ये शायर का ख़िताब दिलाती है II

चलती है जब ये अपनी लय में प्रेम गीत बन जाता है
खट्टी मीठी यादे संजोकर दुनिया में इतिहास बन जाता है II

कभी इनायत कभी क़यामत बड़े तजुर्बे सिखाती है
पल में रुला दे पल में हँसा दे ऐसे वचन बनाती है II

नेता जी की जुबान जब फिसले शोधन कलम से कराये
करते हर पल झूठे वादे फिर भी कानून जग को सिखाये II

कलम बनी हाथ की कठपुतली,जाने कैसे कैसे लोग नचाये
जिसने तुकझो दिल से पूजा कलम का सिपाही कहलाये II

क्या करू बखान अपनी जुबान से अजब तेरी कहानी है
जन्म मरण की एक तू ही साक्षी, बिन तेरे चले न जिंदगानी है

>>>>> डी. के. निवातियाँ <<<<<<<<<<

Language: Hindi
2 Comments · 348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
gurudeenverma198
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"मैं तेरी शरण में आई हूँ"
Shashi kala vyas
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
गीत गाने आयेंगे
गीत गाने आयेंगे
Er. Sanjay Shrivastava
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
Arun Kumar Yadav
दिल तमन्ना कोई
दिल तमन्ना कोई
Dr fauzia Naseem shad
इल्म
इल्म
Bodhisatva kastooriya
आस्था और चुनौती
आस्था और चुनौती
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"सन्तुलन"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इतना हल्का लगा फायदा..,
इतना हल्का लगा फायदा..,
कवि दीपक बवेजा
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
खुलेआम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
पिता
पिता
Kavi Devendra Sharma
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
हे!शक्ति की देवी दुर्गे माँ,
Satish Srijan
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
अच्छा लगने लगा है उसे
अच्छा लगने लगा है उसे
Vijay Nayak
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
👌
👌
*Author प्रणय प्रभात*
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
दूसरों के अनुभव से लाभ उठाना भी एक अनुभव है। इसमें सत्साहित्
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...