Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2017 · 1 min read

*कर्ज़*

*कर्ज़ *

मातृ-ऋण से जग में
होता नहीं कोई उऋण
जिस जननी ने जन्म दिया
अपने स्नेह-जल से सींचकर
पाला-पोषा और बड़ा किया
उस माँ को सर-आँखों पे बिठाना है
हमेंअपना कर्ज़ चुकाना है ।

पितृ-ऋण से जग में
होता नहीं कोई उऋण
जिस पिता ने पढ़ाया -लिखाया
संरक्षण भरा हाथ रखकर
स्वाबलंबन के योग्य बनाया
उस पिता का बोझ उठाना है
हमें अपना कर्ज़ चुकाना है ।

गुरु-ऋण से जग में
होता नहीं कोई उऋण
जिस गुरु ने गढ़ मूर्त बनाया हमें
अंतर हाथ सहारा देकर
काटकर खोट जीवन-मर्म सिखाया हमें
उस गुरु के आगे शीश झूकाना है
हमें अपना कर्ज़चुकाना है।

मातृभूमि के ऋण से जग में
होता नहीं कोई उऋण
जिसकी मिट्टी है चंदन
करते हम उनका वंदन
जिसने बनाया हमें फौलादी है
उस मिट्टी का तिलक लगाना है
हमें अपना कर्ज़ चुकाना है ।

Language: Hindi
395 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
किताबें पूछती है
किताबें पूछती है
Surinder blackpen
लोग जाने किधर गये
लोग जाने किधर गये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
खोट
खोट
GOVIND UIKEY
घंटा हिलाने वाली कौमें
घंटा हिलाने वाली कौमें
Shekhar Chandra Mitra
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
पहले क्यों तुमने, हमको अपने दिल से लगाया
gurudeenverma198
"चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर
दुष्यन्त 'बाबा'
2618.पूर्णिका
2618.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
मनुष्य की पहचान अच्छी मिठी-मिठी बातों से नहीं , अच्छे कर्म स
Raju Gajbhiye
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
साधना से सिद्धि.....
साधना से सिद्धि.....
Santosh Soni
"नारियल"
Dr. Kishan tandon kranti
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
चंद्रयान विश्व कीर्तिमान
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गांव की सैर
गांव की सैर
जगदीश लववंशी
खिलौनो से दूर तक
खिलौनो से दूर तक
Dr fauzia Naseem shad
"जिंदगी"
नेताम आर सी
युवा दिवस
युवा दिवस
Tushar Jagawat
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
सोशल मीडिया, हिंदी साहित्य और हाशिया विमर्श / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
हम तो फ़िदा हो गए उनकी आँखे देख कर,
Vishal babu (vishu)
■ कामयाबी का नुस्खा...
■ कामयाबी का नुस्खा...
*Author प्रणय प्रभात*
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
सच
सच
Sanjay ' शून्य'
Loading...