Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2017 · 1 min read

करें क्यूँ कोख ख़ाली है

जहाँ की रीत भी देखो, भला कैसी निराली है
हैं नौ दिन पूजते देवी, मगर नारी को गाली है
लगे प्यारी बहन, माता, मिले सुंदर बहू, पत्नी
जो बेटी हो उदर में तो, करें क्यूँ कोख ख़ाली है

Language: Hindi
591 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
गनर यज्ञ (हास्य-व्यंग्य)
दुष्यन्त 'बाबा'
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
हमारी सोच
हमारी सोच
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-189💐
💐प्रेम कौतुक-189💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैंने खुद को बदल के रख डाला
मैंने खुद को बदल के रख डाला
Dr fauzia Naseem shad
घुट रहा है दम
घुट रहा है दम
Shekhar Chandra Mitra
दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा।
दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तेरी ख़ामोशी
तेरी ख़ामोशी
Anju ( Ojhal )
=*बुराई का अन्त*=
=*बुराई का अन्त*=
Prabhudayal Raniwal
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जय श्री राम
जय श्री राम
Er.Navaneet R Shandily
कभी पथभ्रमित न हो,पथर्भिष्टी को देखकर।
कभी पथभ्रमित न हो,पथर्भिष्टी को देखकर।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
इधर उधर की हांकना छोड़िए।
ओनिका सेतिया 'अनु '
अब तक के इंसानी विकास का विश्लेषण
अब तक के इंसानी विकास का विश्लेषण
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अखबार
अखबार
लक्ष्मी सिंह
बड़ी मछली सड़ी मछली
बड़ी मछली सड़ी मछली
Dr MusafiR BaithA
एक हैसियत
एक हैसियत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मानवता
मानवता
विजय कुमार अग्रवाल
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
करता रहूँ मै भी दीन दुखियों की सेवा।
Buddha Prakash
उलझा रिश्ता
उलझा रिश्ता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
पूर्वार्थ
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं।
Taj Mohammad
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
कवि दीपक बवेजा
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
*Max Towers in Sector 16B, Noida: A Premier Business Hub 9899920149*
Juhi Sulemani
Loading...