Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2017 · 1 min read

कभी लेखनी कहती है ।

कभी कभी कागज कहता है ,
कभी लेखनी खुद कहती है
आज तुम्हें कुछ लिखना हैं ।
नही आ रहा तो सिखना है ।
कभी कभी मेरा मन कहता है,
कभी कभी चिंतन कहता है ।
आज कही कुछ सृजना है,
मन की बातें लिखना हैं ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

480 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
आ ठहर विश्राम कर ले।
आ ठहर विश्राम कर ले।
सरोज यादव
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
21)”होली पर्व”
21)”होली पर्व”
Sapna Arora
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
3031.*पूर्णिका*
3031.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तेरी मेरी तस्वीर
तेरी मेरी तस्वीर
Neeraj Agarwal
" बिछड़े हुए प्यार की कहानी"
Pushpraj Anant
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अपने वजूद की
अपने वजूद की
Dr fauzia Naseem shad
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
Dr.Pratibha Prakash
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
If I become a doctor, I will open hearts of 33 koti people a
If I become a doctor, I will open hearts of 33 koti people a
Ankita Patel
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बुलंद हौंसले
बुलंद हौंसले
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
While proving me wrong, keep one thing in mind.
While proving me wrong, keep one thing in mind.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*शबरी (कुंडलिया)*
*शबरी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
Dr. Kishan Karigar
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
स्वप्न कुछ
स्वप्न कुछ
surenderpal vaidya
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
अपनी हिंदी
अपनी हिंदी
Dr.Priya Soni Khare
दिल -ए- ज़िंदा
दिल -ए- ज़िंदा
Shyam Sundar Subramanian
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
वो दिखाते हैं पथ यात्रा
प्रकाश
सांझा चूल्हा4
सांझा चूल्हा4
umesh mehra
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
सफल हस्ती
सफल हस्ती
Praveen Sain
Loading...