Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2017 · 1 min read

कब तक

कभी सती बना चिता में जला दिया

कभी जौहर के कुंड मे कूदा दिया

छीन ली साँसें कोख में ही कभी

कभी आँख खुलते ही सुला दिया

छीनकर नन्हें हाथों से क़लम कभी

ज़िम्मेदारी की हिना से सजा दिया

कटौती की उसके हिस्से के दूध की कभी

कभी रोटी के ख़ातिर बाज़ार में बेच दिया

पराया बता विदा किया कभी डोली में बिठा

कभी भस्म किया दहेज की आग में जला

सम्मान की रक्षा कह बलि कभी दे दी उसकी

जो हर बरस कलाई पे राखी बाँधी थी कभी

गुण ताक पे रख सभी ,सुंदरता पे आँका उसे

अंह के तेज़ाब से चेहरा जला डाला कभी

इसमत लूटी कभी हवस के गलियारों में

कभी रूह उसकी रोंदी बंद दरवाज़ों में

स्वार्थ को प्रेम बता कभी विवेक उसका हर लिया

दोष अपनी अनैतिकता का भी सिर उसके मढ़ दिया

देवी कह माँग लिया कभी उससे बलिदान

कभी अबला समझ कर दिया उसका अपमान

पूजने लगे कभी उसे शक्ति बता मंदिर में

कभी निषेध कर दिये उसके क़दम भी देवालय में

समाज के पक्षपात की बेड़ी कभी खोली उसने

तुरंत परम्परा का चाबुक उसपे तुमने चला दिया

आख़िर कब तक करोगे उसका दमन तुम

कभी तो कुंठा – मुक्त कर अपने ज़ेहन को

कहो उससे –

देखो! तुम्हारी परवाज़ को मैंने सवछंद आसमान दिया!

1 Like · 2181 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बितियाँ बात सुण लेना
बितियाँ बात सुण लेना
Anil chobisa
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/179.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
जाने क्यों तुमसे मिलकर भी
Sunil Suman
हम लिखते हैं
हम लिखते हैं
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
तुमसे ही से दिन निकलता है मेरा,
Er. Sanjay Shrivastava
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
न जाने कौन रह गया भीगने से शहर में,
शेखर सिंह
💐प्रेम कौतुक-360💐
💐प्रेम कौतुक-360💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
Poonam Matia
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
उसकी बेहिसाब नेमतों का कोई हिसाब नहीं
shabina. Naaz
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
मरने से पहले ख्वाहिश जो पूछे कोई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*Author प्रणय प्रभात*
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
AVINASH (Avi...) MEHRA
प्रेम भाव रक्षित रखो,कोई भी हो तव धर्म।
प्रेम भाव रक्षित रखो,कोई भी हो तव धर्म।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr Shweta sood
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
दुष्यन्त 'बाबा'
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
मुझसे जुदा होने से पहले, लौटा दे मेरा प्यार वह मुझको
gurudeenverma198
निगाहें के खेल में
निगाहें के खेल में
Surinder blackpen
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
आप सभी सनातनी और गैर सनातनी भाईयों और दोस्तों को सपरिवार भगव
SPK Sachin Lodhi
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
अगर आप में व्यर्थ का अहंकार है परन्तु इंसानियत नहीं है; तो म
विमला महरिया मौज
याद आया मुझको बचपन मेरा....
याद आया मुझको बचपन मेरा....
Harminder Kaur
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
*प्रभु का संग परम सुखदाई (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
Loading...