Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2017 · 1 min read

कटता जंगल

कविता
( बेटियों पर )
रचना स्वरचित एवं मौलिक है

कटता जंगल

जानती हूँ माँ
तुम तक पहुंच चुकी है
खबर मेरे आने की
मगर माँ , मत कर चिंता
न हो दुखी
दे दे मोहलत मुझे भी
गर्भ में पलने की
रहने दे छाँव तले आँचल की
सींच मुझे भी दूध से अपने
फिर देखना यही दूध
दौड़ेगा बनकर लहू
रगों में मेरे
करूंगी रौशन कोख़ को तेरी
जानती हूँ माँ
सुनकर खबर मेरे आने की
होंगी दादी दुखी
दाई को देने, निकाला सौ का नोट
बुझे मन से रख लेंगी वापस
अंगिया में अपने
दादा का बुढ़ापा
कुछ और गहरा जायेगा
पापा को सताने लगेगी फिक्र
दहेज़ की मेरे
मगर तू न होना निराश
न करना चिंता
एक दिन रचूँगी मैं ही
नया इतिहास
किरण बेदी
कल्पना चावला
सानिया मिर्जा की तरह
गर्व करेंगे वे ही बेटियों पर
जो काट रहे हैं
आज जंगल बेटियों का
होगा एहसास कि
न होंगी बेटियां तो
कोख कहाँ से लाएंगे
बेटा होकर भी न पा सकेंगे बेटा
यतीम हो जायेगी कायनात सारी
जिंदगी का सफर थम जायेगा।
मत हो निराश माँ
न हो दुखी
खबर सुन मेरे आने की
दे दे मोहलत मुझे भी
गर्भ में पलने की ।

डॉ लता अग्रवाल
भोपाल

2 Likes · 1 Comment · 423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चंचल पंक्तियाँ
चंचल पंक्तियाँ
Saransh Singh 'Priyam'
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
चुका न पाएगा कभी,
चुका न पाएगा कभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सपनों का सफर
सपनों का सफर
पूर्वार्थ
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
सोना जेवर बनता है, तप जाने के बाद।
आर.एस. 'प्रीतम'
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किन्नर-व्यथा ...
किन्नर-व्यथा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खरा इंसान
खरा इंसान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अपराध बालिग़
अपराध बालिग़
*Author प्रणय प्रभात*
2603.पूर्णिका
2603.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"कष्ट"
नेताम आर सी
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
एक मैं हूँ, जो प्रेम-वियोग में टूट चुका हूँ 💔
The_dk_poetry
With Grit in your mind
With Grit in your mind
Dhriti Mishra
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
तमन्ना थी मैं कोई कहानी बन जाऊॅ॑
VINOD CHAUHAN
पैसों के छाँव तले रोता है न्याय यहां (नवगीत)
पैसों के छाँव तले रोता है न्याय यहां (नवगीत)
Rakmish Sultanpuri
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
DrLakshman Jha Parimal
कल आज और कल
कल आज और कल
Omee Bhargava
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उम्मींदें तेरी हमसे
उम्मींदें तेरी हमसे
Dr fauzia Naseem shad
*हुआ देश आजाद तिरंगा, लहर-लहर लहराता (देशभक्ति गीत)*
*हुआ देश आजाद तिरंगा, लहर-लहर लहराता (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
मुक्तक - जिन्दगी
मुक्तक - जिन्दगी
sushil sarna
अनुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकार
नूरफातिमा खातून नूरी
शिव की बनी रहे आप पर छाया
शिव की बनी रहे आप पर छाया
Shubham Pandey (S P)
सच तो हम तुम बने हैं
सच तो हम तुम बने हैं
Neeraj Agarwal
उसकी एक नजर
उसकी एक नजर
साहिल
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
नम आंखों से ओझल होते देखी किरण सुबह की
Abhinesh Sharma
कहो कैसे वहाँ हो तुम
कहो कैसे वहाँ हो तुम
gurudeenverma198
Loading...