Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2017 · 2 min read

ओ माँ, ऐ माँ, ………………..|गीत| “मनोज कुमार”

ओ माँ, ऐ माँ, मेरी माँ, ओ माँ
मेरी किस्मत का खजाना तू ही तू ही माँ
इन आँखों की खुशियाँ रहमत तू ही माँ
ओ माँ, ऐ माँ, मेरी माँ, ओ माँ
ओ माँ,……………………

कर्ज तुम्हारा माँ चुका सकते नही
मरते दम तक तुझे भुला सकते नही
ढक ले फिर आचल से ले गोद में माँ
कितना भी हो जाऊँ बड़ा हूँ बच्चा माँ
ओ माँ,……………………

तेरी ममता और आशीष हम चाहें
सदा करूँ तेरी सेवा माँ दिल चाहे
तू पौंछें अश्कों को जब जब रोया माँ
तुझे नही ये दर्द मुझे है कहती माँ
ओ माँ,……………………

तुझे देख लूँ सब दूर टेंशन हो जाती
तेरे क़दमों में माँ जन्नत मिल जाती
दुःख समेटे लाखों दिल में हँसती माँ
प्यार करे हमसे तो जब भी रोये माँ
ओ माँ,……………………

जब जब गिरा माँ तूने ही तो थामा है
हमें लगा गले से प्यार में तूने बाँधा है
पिता छत हैं घर की तो तू छाया माँ
हों सपने सच बच्चों के दुआ करती माँ
ओ माँ,……………………

ईश्वर का है रूप तू माँ ही पूजा है
हर रिश्ते को तुमसे जीना सीखा है
तू करवा देती हठ पूरी पापा से माँ
मेरी चोटों का मरहम तू बन जाती माँ
ओ माँ,……………………

शबनम की बूँदों जैसे तू घुल जाती
अपनी माँ पहचान हमें तू दे जाती
चुभे पैर में काँटा जब भी रोये माँ
हर तकलीफ उठा लेती बच्चों की माँ
ओ माँ,……………………

तू नैनो का तारा तू ही ज्योति है
अँधेरी राहें तू माँ रोशन करती है
बस देखे तू ही बाट रातों रातों माँ
सब सो जाते जगती तू ही प्यारी माँ
ओ माँ,……………………

शब्द नही अब तेरा वर्णन होता ना
तू संग में होती तो जन्नत खोता ना
तू धीरज रख उत्साहित भी करती माँ
गंगा सी बन जीवन अमृत देती माँ
ओ माँ,……………………

“मनोज कुमार”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 717 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दारू की महिमा अवधी गीत
दारू की महिमा अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️नोट : दिनांक 5 अप्रैल 2023 से चल रहे रामचरि
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️नोट : दिनांक 5 अप्रैल 2023 से चल रहे रामचरि
Ravi Prakash
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
👍👍
👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
हाथों की लकीरों तक
हाथों की लकीरों तक
Dr fauzia Naseem shad
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐Prodigy Love-32💐
💐Prodigy Love-32💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*हमारे कन्हैया*
*हमारे कन्हैया*
Dr. Vaishali Verma
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
👉अगर तुम घन्टो तक उसकी ब्रेकअप स्टोरी बिना बोर हुए सुन लेते
पूर्वार्थ
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
Krishna Kumar ANANT
दिये को रोशननाने में रात लग गई
दिये को रोशननाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सभी मां बाप को सादर समर्पित 🌹🙏
सभी मां बाप को सादर समर्पित 🌹🙏
सत्य कुमार प्रेमी
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
Rekha khichi
साजिशन दुश्मन की हर बात मान लेता है
साजिशन दुश्मन की हर बात मान लेता है
Maroof aalam
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
Aryan Raj
ज़िंदगी...
ज़िंदगी...
Srishty Bansal
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
रोशन
रोशन
अंजनीत निज्जर
एक सत्य
एक सत्य
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अभी कुछ बरस बीते
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
वो मेरे दिल के एहसास अब समझता नहीं है।
Faiza Tasleem
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
करते तो ख़ुद कुछ नहीं, टांग खींचना काम
Dr Archana Gupta
Loading...