Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2016 · 1 min read

ऐ वतन तेरे लिए यह जान भी क़ुरबान है

दिल में हिंदुस्तान है, सांसों में हिंदुस्तान है
ऐ वतन तेरे लिए यह जान भी क़ुरबान है

नाज़ हमको है बहुत गंगो जमन तहज़ीब पर
अम्न का पैगाम अपनी खूबियाँ पहचान है

हिन्द की माटी में जन्मे सूर, मीरा जायसी
मीर, ग़ालिब की जमीं ये, भूमि ये रसख़ान की

धर्म, भाषा, वेशभूषा है अलग फिर भी मगर
मुल्क़ की जब बात होती सब लुटाते जान हैं

खूँ शहीदों ने बहाया, हँस के फाँसी पर चढे
है अमिट पहचान उनकी, याद हर बलिदान है

सर कटाना है गवारा पर झुकेगा सर नहीं
हर जुबाँ पर गीत क़ौमी, ये तिरंगा शान है

बाइबिल, गुरु ग्रन्थ साहिब, वेद ओ’ क़ुरआन है
नाम सबके हैं अलग पर, एक सबका ज्ञान है

राष्ट्र का हो नाम ऊँचा, क़ौमी यकजहती रहे
फ़िक़्र में सबके वतन हो, बस यही अरमान है

ख़ाक बन हिमकर इसी माटी में रहना चाहता
गूँजता सारे जहाँ में हिन्द का यश गान है

© हिमकर श्याम

4 Comments · 529 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
The blue sky !
The blue sky !
Buddha Prakash
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
गंगा ....
गंगा ....
sushil sarna
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कोई तो डगर मिले।
कोई तो डगर मिले।
Taj Mohammad
I am Yash Mehra
I am Yash Mehra
Yash mehra
सियासत में
सियासत में
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
मंतर मैं पढ़ूॅंगा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
2578.पूर्णिका
2578.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दुआ नहीं होना
दुआ नहीं होना
Dr fauzia Naseem shad
गीतिका/ग़ज़ल
गीतिका/ग़ज़ल
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
భరత మాతకు వందనం
భరత మాతకు వందనం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
प्रेरणा
प्रेरणा
पूर्वार्थ
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मूडी सावन
मूडी सावन
Sandeep Pande
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
जिस आँगन में बिटिया चहके।
जिस आँगन में बिटिया चहके।
लक्ष्मी सिंह
चाय पे चर्चा
चाय पे चर्चा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
Kanchan Khanna
"तोहफा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
Shweta Soni
Loading...