ऐ जिंदगी
अब कोई गिला नहीं तुझसे ऐ जिंदगी,
लाख दुश्वारियां हो फिर भी प्यारी है तू,
जो मिला मुझे वो लाख गुना बेहतर है औरों से,
तेरी क्रूरता में भी छिपा है भाग्योदय,
जब जब तू रूठी, मिला हौंसला तक़दीर से लड़ने का,
कुछ कर गुजरने का,
जब जब बनी तू रुकावट, जनून मिला उठ खड़े होने का,
हिम्मत ना खोने का,
ज़िंदगी तू लाख बुरी सही,अब तुझ से मुहब्बत है तो है,
तू कहाँ दुबारा मिलेगी,जानते है सब,
तू लाख सता ले, फिर भी तुझे पाना चाहते है सब
तू खोना है, तो पाना भी तू ही है
ज़िंदगी !! तू, तू ही है
तू ही सर्वोपरि है I