Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Mar 2017 · 1 min read

एक सिपाही

क्या जीवन है बॉर्डर पे तैनात एक जवान का,
न मजहब का पता है उसके न चर्चा है ईमान का,
एक सी भाषा वतन की बोलते हैं वहां सारे,
घर बार होते हुए भी सन्यासी का जीवन जीते हैं बेचारे,
क्या उनका कोई सहज सपना नहीं होता,
क्या आपकी तरह उनका कोई अपना नहीं होता,
सीख लो आप सब उनसे ही भाईचारा,
कैसे देश की खातिर लुटाते हैं जीवन सारा,
किसी का पहनावा झलकाता नहीं उनका मजहब और ईमान,
न कोई वहाँ हिन्दू होता है न कोई होता है मुसलमान,
काश की ऐसा जहाँ बन जाये जिसमे मजहब कोई न आये,
कितना भी कोई जोर लगाए मजहब को लड़ा न पाए,RASHMI SHUKLA

Language: Hindi
Tag: लेख
374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
"आँखें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
AVINASH (Avi...) MEHRA
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
Taj Mohammad
*मिट्टी की वेदना*
*मिट्टी की वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2959.*पूर्णिका*
2959.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
मेरा महबूब आ रहा है
मेरा महबूब आ रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*****आज़ादी*****
*****आज़ादी*****
Kavita Chouhan
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
पुराने पन्नों पे, क़लम से
पुराने पन्नों पे, क़लम से
The_dk_poetry
Mere hisse me ,
Mere hisse me ,
Sakshi Tripathi
*फिल्म समीक्षक: रवि प्रकाश*
*फिल्म समीक्षक: रवि प्रकाश*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-312💐
💐प्रेम कौतुक-312💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
तेरी परवाह करते हुए ,
तेरी परवाह करते हुए ,
Buddha Prakash
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
मुफ़्त
मुफ़्त
नंदन पंडित
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
कौन्तय
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"बेजुबान"
Pushpraj Anant
ये दुनिया है
ये दुनिया है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
स्वातंत्र्य का अमृत महोत्सव
स्वातंत्र्य का अमृत महोत्सव
surenderpal vaidya
Loading...