Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2017 · 1 min read

उम्र की दोपहरी

उम्र की दोपहरी, अब छूने लगी हलके से तन को…

सुरमई सांझ सा धुँधलाता हुआ मंजर,
तन को सहलाता हुआ ये समय का खंजर,
पल पल उतरता हुआ ये यौवन का ज्वर,
दबे कदमों यहीं कहीं, ऊम्र हौले से रही है गुजर।

पड़ने लगी चेहरों पर वक्त की सिलवटें,
धूप सी सुनहरी, होने लगी ये काली सी लटें,
वक्त यूँ ही लेता रहा अनथक करवटें,
हाथ मलती रह गई हैं, जाने कितनी ही हसरतें।

याद आने लगी, कई भूली-बिसरी बातें,
वक्त बेवक्त सताती हैं, गुजरी सी कई लम्हातें,
ढलते हुए पलों में कटती नहीं हैं रातें,
ये दहलीज उम्र की, दे गई है सैकड़ों सौगातें।

एहसास की बारीकियों से हो आबद्ध,
दिए हैं जो वचन, उन बंधनों के हो प्रतिबद्ध,
उम्र के स्नेहिल स्पर्श से होकर स्तब्ध,
अग्रसर अवसान की राह पर, हरक्षण कटिबद्ध।

उम्र की दोपहरी, अब छूने लगी हलके से तन को…

Language: Hindi
378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
कुछ यूं हुआ के मंज़िल से भटक गए
Amit Pathak
हम चाहते हैं
हम चाहते हैं
Basant Bhagawan Roy
#तेवरी
#तेवरी
*Author प्रणय प्रभात*
आराम का हराम होना जरूरी है
आराम का हराम होना जरूरी है
हरवंश हृदय
मैं और मेरा यार
मैं और मेरा यार
Radha jha
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
2396.पूर्णिका
2396.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
gurudeenverma198
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
STOP looking for happiness in the same place you lost it....
STOP looking for happiness in the same place you lost it....
आकांक्षा राय
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
बेटीयां
बेटीयां
Aman Kumar Holy
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
वो कड़वी हक़ीक़त
वो कड़वी हक़ीक़त
पूर्वार्थ
"लू"
Dr. Kishan tandon kranti
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
एक उजली सी सांझ वो ढलती हुई
नूरफातिमा खातून नूरी
हार जाते हैं
हार जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
मोदी जी ; देश के प्रति समर्पित
कवि अनिल कुमार पँचोली
सौतियाडाह
सौतियाडाह
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
💐अज्ञात के प्रति-63💐
💐अज्ञात के प्रति-63💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*
Ravi Prakash
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
Harminder Kaur
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
मेरी दोस्ती मेरा प्यार
Ram Krishan Rastogi
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
रंजिशें
रंजिशें
AJAY AMITABH SUMAN
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
Loading...