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11 May 2017 · 1 min read

उनको अपना बना के देख लिया

उनको अपना बना के देख लिया
जख़्म दिल के दिखा के देख लिया

फूल तो फूल थे मगर हमने
शूलों से भी निभा के देख लिया

जानते थे असर न होगा कुछ
हाल फिर भी सुना के देख लिया

अश्क़ खारे थे यह रहे खारे
खूब इनको बहा के देख लिया

जब मिला साथ वक़्त का हमको
खोटा सिक्का चला के देख लिया

दर्द से इसकी है बड़ी यारी
इश्क में दिल डुबा के देख लिया

ज़िन्दगी रूप तेरे अनगिन हैं
“अर्चना’ सब लुटा के देख लिया

डॉ अर्चना गुप्ता

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