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20 Apr 2017 · 1 min read

आज सखी होली है

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प्रेम के रंग उड़ाओ आज़ सखी होली है
झूमो नाचो गाओ आज़ सखी होली है

ढोलक झांझ मजीरा बाजै
मिलके फगुआ गाओ आज़ सखी होली है

दारू भांग न हाथ से छूना
गुझिया खाओ खिलाओ आज सखी होली है

रंग अबीर गुलाल उड़ाओ
सबको गले से लगाओ आज़ सखी होली है

दुश्मन जग में कोई नहीं है
मान सभी का बढ़ाओ आज सखी होली है

बूढ़े बच्चे नर ओर नारी
डीजे पे ठुमका लगाओ आज सखी होली है

टेसू केसर रंग मिलाकर
लालम लाल बनाओ आज़ सखी होली है

छेना बालू शाही खिलाने
मित्रों को घर पे बुलाओ आज़ सखी होली है

जिन्हें एलर्जी है रंगों से
उन्हें न रंग लगाओ आज़ सखी होली है

खेलो पर मर्यादा न भूलो
सीमा के पार न जाओ आज सखी होली है

हरक़त गंदे तुम मत करना
संकल्प ऐसे उठाओ आज सखी होली है

प्रेम से मिल के रहना “प्रीतम”
नफरत की होली जलाओ आज सखी होली है

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