आज परदा हटा दीजिये
आज परदा हटा दीजिये
बात दिल की बता दीजिए
कीजिये दूर दिल से नहीं
चाहें कोई सजा दीजिये
स्वप्न अपने सजा लेंगे हम
नींद का बस पता दीजिये
ज़िन्दगी ये महक जायेगी
आप बस मुस्कुरा दीजिये
होंगी कुछ खत्म बेचैनियां
बस झलक इक दिखा दीजिये
“अर्चना’ सह लिए गम बहुत
अब ख़ुशी से मिला दीजिये
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद