Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2016 · 2 min read

‘आज की बेटी ‘

सहेली सी बेटी ,सर्दियों की धूप की अठखेली सी बेटी,
ईश्वर की सदा, दर्द में दवा सी बेटी।
स्वप्निल आँखों में , झिलमिल सपने सजाती बेटी,
भावनाओ को बुन-बुन घर- संसार रचाती बेटी।

पत्तियों पर ओस सी ,निश्छल ,निर्दोष सी,
वसंत का श्रृंगार, रिमझिम फुहार सी बेटी।
शंख सा उद्घोष, मनु सा जोश बेटी,
चांदनी की शीतलता , मंद-मंद बयार सी बेटी।

परम्पराओं -मर्यादा को निभाने वाली डोर ,
घर-परिवार की ओट सी बेटी।
दुर्जनों पर दुर्गा-काली सी ,
दिव्यता में सुबह की लाली सी बेटी।

कभी कहती है बेटी ,न बाँधो मुझे झूठे बंधनों में।
उड़ने दो मुझे भी, विस्तृत गगन में,
अपने पंख पसारे , साँझ -सकारे,
ढूढ़ती है अपने भी, ज़मीं -आस्मां बेटी।

कहती है ‘अनुपमा’ नहीं है ,बेटी की उपमा,
हर बेटी है कुछ ख़ास , कर लीजिये इसका अहसास।
न हो उसका अपमान, न हो वह व्यर्थ बदनाम,
न रौंदी जाये, व्यर्थ रूढ़ियों का बहाना बनाकर,
न मारी जाये , अजन्मी कोखों में आकर।

न कुम्हलायें, उसकी आकांछायें, आशाएं,
मान्यता चाहें कुछ , उसकी अपनी भी परिभाषाएं।
बहने दो उसे भी निर्बाध ,होने दो अपने ख्यालों से आबाद।
वह भी हिस्सा है संसार का , मिलना चाहिए उसे भी अपना हिस्सा,
छोड़नी होगी उसके प्रति हिराकत, द्धेष और हिंसा।

बेटी है घर परिवार की हरियाली,
इंद्रधनुषी रंग हमारे जीवन में उतारने वाली।
फिर स्वयं क्यों रहे उसका दामन ख़ाली,
हर पथ पर दें उसे, साथ और सुरक्षा
फिर क्यों न होगा पथ प्रशस्त ,समाज, देश के विकास का।

क्यों न धरा की तरह बेटी भी ,
फूलों की तरह खिले, कल-कल सी बहे।
अपने शब्दों में स्वयं अपनी कथा कहे,
जीवन ऊंचाइयों -गहराइयों में स्वयं सिद्धा रहे।

द्वारा ,
अनुपमा श्रीवास्तव’अनुश्री’ साहित्यकार, कवयित्री
E-MAIL- anupama.teeluckshri@yahoo.com

Language: Hindi
1 Like · 822 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ओ मां के जाये वीर मेरे...
ओ मां के जाये वीर मेरे...
Sunil Suman
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
सच तो आज न हम न तुम हो
सच तो आज न हम न तुम हो
Neeraj Agarwal
"सत्य अमर है"
Ekta chitrangini
सफर 👣जिंदगी का
सफर 👣जिंदगी का
डॉ० रोहित कौशिक
बचपन की यादें
बचपन की यादें
प्रीतम श्रावस्तवी
चल सतगुर के द्वार
चल सतगुर के द्वार
Satish Srijan
Anand mantra
Anand mantra
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
तरस रहा हर काश्तकार
तरस रहा हर काश्तकार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
Quote Of The Day
Quote Of The Day
Saransh Singh 'Priyam'
■ निष्कर्ष.....
■ निष्कर्ष.....
*Author प्रणय प्रभात*
*** मुफ़लिसी ***
*** मुफ़लिसी ***
Chunnu Lal Gupta
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
गोलगप्पा/पानीपूरी
गोलगप्पा/पानीपूरी
लक्ष्मी सिंह
ना मानी हार
ना मानी हार
Dr. Meenakshi Sharma
आसमानों को छूने की जद में निकले
आसमानों को छूने की जद में निकले
कवि दीपक बवेजा
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
किसी गैर के पल्लू से बंधी चवन्नी को सिक्का समझना मूर्खता होत
विमला महरिया मौज
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
बदल जाएगा तू इस हद तलक़ मैंने न सोचा था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
राम नाम की धूम
राम नाम की धूम
surenderpal vaidya
कब तक यही कहे
कब तक यही कहे
मानक लाल मनु
मौत की हक़ीक़त है
मौत की हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
गुरु माया का कमाल
गुरु माया का कमाल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*भूमिका*
*भूमिका*
Ravi Prakash
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
"इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...