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29 Jun 2017 · 1 min read

आंशू

नयन नीर
कह रहा है साथी
मन की पीर

दिल का दर्द
झलकता है बन
आँख से नीर

बह जाते है
सपने बनकर
होकर नीर

गिर जाते है
अपने लालच में
खोकर नीर

मन बेचते
है तन की खातिर
सहके पीर

रचनाकार ऋषभ तोमर

Language: Hindi
1 Like · 266 Views
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