आंखों को हमसे और रुलाया न जाएगा
आंखों को हमसे और रुलाया न जाएगा
दिल का इलाज ऐसे कराया न जाएगा
चाहें वफ़ा के बदले मिली बेवफ़ाई है
पर प्यार पहला हमसे भुलाया न जाएगा
यादें हमारे साथ चलें हाथ थाम कर
हमसे भी हाथ इन से छुड़ाया न जाएगा
भर आतीं हैं ये आँखें ,गला रुन्ध जाता है
हमसे विरह का गीत सुनाया न जाएगा
हर राह ज़िन्दगी की अँधेरों से ही घिरी
लगता है ,गम का अब कभी साया न जाएगा
इज़हार प्यार का किया हमने तो हर तरह
अब चीर कर ये दिल तो दिखाया न जाएगा
अब तक जिये हैं ‘अर्चना’ मुस्कान ओढ़ कर
वादा ये हमसे और निभाया न जाएगा
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद(उ प्र)