Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

II जरूरी है II

आंखों की भाषा से आगे,
बढ़ना जरूरी है l
शब्द ना दे साथ फिर भी,
कहना जरूरी है ll

आंखों का क्या खुशी में भी,
आंसू बहाती है l
आंखों के दरिया से आगे,
निकलना जरूरी है ll

हर घड़ी है इम्तहां,
सोना नहीं अब तो l
हो कठिन राहें मगर,
चलना जरूरी है ll

आस है फिर भी,
एक मुलाकात की l
नामुमकिन नहीं कुछ,
बताना जरूरी हैll

संजय सिंह “सलिल ”
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश l

Language: Hindi
327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहरों तक के कान खड़े हैं,
बहरों तक के कान खड़े हैं,
*Author प्रणय प्रभात*
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
शब्द कम पड़ जाते हैं,
शब्द कम पड़ जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
एक अकेला रिश्ता
एक अकेला रिश्ता
विजय कुमार अग्रवाल
प्रश्चित
प्रश्चित
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)*
*बड़े लोगों का रहता, रिश्वतों से मेल का जीवन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
शिखर पर पहुंचेगा तू
शिखर पर पहुंचेगा तू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
प्रेम
प्रेम
Sushmita Singh
भगतसिंह का क़र्ज़
भगतसिंह का क़र्ज़
Shekhar Chandra Mitra
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
💐प्रेम कौतुक-168💐
💐प्रेम कौतुक-168💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
बना दिया हमको ऐसा, जिंदगी की राहों ने
gurudeenverma198
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
कुत्ते
कुत्ते
Dr MusafiR BaithA
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
हमसे तुम वजनदार हो तो क्या हुआ,
Umender kumar
औरत
औरत
नूरफातिमा खातून नूरी
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे तेरी जरूरत है
मुझे तेरी जरूरत है
Basant Bhagawan Roy
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
Prof Neelam Sangwan
"रौनक"
Dr. Kishan tandon kranti
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Buddha Prakash
शीर्षक - बुढ़ापा
शीर्षक - बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...