Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2017 · 1 min read

“अहंकार”दोहे

“अहंकार” दोहे
***********

अहंकार को त्याग दो, सर्प भाँति विषधार।
अवसर पा डँस लेत है,नहीं बचा उपचार।

अहंकार है शूल सम, देता घात हज़ार।
मधुर वचन औषध सदा, हरें पीर संसार।।

दंभ कबहुँ नहिं कीजिए, दंभ पतन आधार।
दंभ चढ़ा सिर रावणा, प्रभू कीन्ह संहार।।

काची माटी तन गढ़ा,काहे करे गुमान।
अंत काल पछतायगा,नहीं रहेंगे प्राण।।

मैं मैं रे मन क्या रटे,छोड़ छाँड़ि सब काम।
मन के भीतर लौ जला, मिल जाएँगे राम।।

पूत जनम पर रे मना,काहे करे गुमान।
धन दौलत को पायके,भूल जायगा मान।।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
संपादिका- साहित्य धरोहर
महमूरगंज, वाराणसी। मो.-9839664017

Language: Hindi
1 Like · 3470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
इक तेरे सिवा
इक तेरे सिवा
Dr.Pratibha Prakash
और तो क्या ?
और तो क्या ?
gurudeenverma198
काल  अटल संसार में,
काल अटल संसार में,
sushil sarna
नारी है नारायणी
नारी है नारायणी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
Pramila sultan
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
कसौटी
कसौटी
Astuti Kumari
कहानी। सेवानिवृति
कहानी। सेवानिवृति
मधुसूदन गौतम
नदियां
नदियां
manjula chauhan
बेहयाई दुनिया में इस कदर छाई ।
बेहयाई दुनिया में इस कदर छाई ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
मिल ही जाते हैं
मिल ही जाते हैं
Surinder blackpen
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
खाने को रोटी नहीं , फुटपाथी हालात {कुंडलिया}
Ravi Prakash
मेरी कलम......
मेरी कलम......
Naushaba Suriya
2305.पूर्णिका
2305.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
फिर बैठ गया हूं, सांझ के साथ
Smriti Singh
आप अपनी DP खाली कर सकते हैं
आप अपनी DP खाली कर सकते हैं
ruby kumari
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
"चीखें विषकन्याओं की"
Dr. Kishan tandon kranti
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
💐प्रेम कौतुक-428💐
💐प्रेम कौतुक-428💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
Subhash Singhai
भाई
भाई
Kanchan verma
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
#व्यंग्य-
#व्यंग्य-
*Author प्रणय प्रभात*
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
पूर्वार्थ
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...