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14 Aug 2017 · 1 min read

असल में नकली

नकली का जब हुआ प्रसार
असली अपना अस्तित्व खो गया
बिकता रहा हाट मे हरपल
सही दूर दुर्लभ हो गया
कोई नही गलत को कहता
मिलावट का पूरा व्यापार हो गया
अब तो कहना कठिन हो रहा
असल का सत्यानाश हो गया।
झूठ का ही वार्तालाप हो गया
सत्य आज प्रलाप हो गया।
गलत पर सही का छाप हो गया
सही आज अभिशाप हो गया ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र. प्रवक्ता सरयूइंद्रा संग्रामगढ

Language: Hindi
225 Views
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