Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

अश्रु- नाद

…… मुक्तक …..

… अनबूझ नियति ने खेली
जीवन की दुखद पहेली
हे! विकल वेदने मेरी
बन जाओ सुखद सहेली

परिहास किया जीवन का
निर्मल निरीह निर्धन का
मैं विकल अकिञ्चन फिरता
संताप छिपाये मन का

डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
लखनऊ

Language: Hindi
453 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सरस्वती वंदना-6
सरस्वती वंदना-6
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
विलोमात्मक प्रभाव~
विलोमात्मक प्रभाव~
दिनेश एल० "जैहिंद"
माफ़ कर दो दीवाने को
माफ़ कर दो दीवाने को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दुनिया इश्क की दरिया में बह गई
दुनिया इश्क की दरिया में बह गई
प्रेमदास वसु सुरेखा
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
कर्मवीर भारत...
कर्मवीर भारत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
My life's situation
My life's situation
Sukoon
💐अज्ञात के प्रति-70💐
💐अज्ञात के प्रति-70💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
भारत का चाँद…
भारत का चाँद…
Anand Kumar
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
!! मन रखिये !!
!! मन रखिये !!
Chunnu Lal Gupta
पुरातत्वविद
पुरातत्वविद
Kunal Prashant
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
डॉ. दीपक मेवाती
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
गले लगा लेना
गले लगा लेना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
खत पढ़कर तू अपने वतन का
खत पढ़कर तू अपने वतन का
gurudeenverma198
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
2360.पूर्णिका
2360.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रात निकली चांदनी संग,
रात निकली चांदनी संग,
manjula chauhan
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
(17) यह शब्दों का अनन्त, असीम महासागर !
Kishore Nigam
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वो जो ख़ामोश
वो जो ख़ामोश
Dr fauzia Naseem shad
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
हम ऐसी मौहब्बत हजार बार करेंगे।
Phool gufran
दुनिया में अधिकांश लोग
दुनिया में अधिकांश लोग
*Author प्रणय प्रभात*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...