Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 2 min read

अलाव

????
देहाती दुनिया में पुरातन,
प्रभावशाली तकनीक है अलाव।
जो गरीबों को कंपकपाती,
ठंढ़ की मार से करती है बचाव।
?
श्वेत चादर ओढ़े कोहरे के,
डँसती शीतलहर का फैलाव।
चिलचिली सर्द भरी धूँध,
से भरे मौसम का ये बदलाव।
?
ठंढ़ी-ठंढ़ी शीतकालिन,
पछुआ सर्द हवाओं का बहाव।
देह के अस्तित्व पर चुभती,
सुई सी ठिठुरनों का दबाव।
?
अग्नि के चारो तरफ बैठे,
लोगों का संकुचित घेराव।
उठती चिंगारियों की लपटों,
लहलहाती आँच का गर्माव।
?
धुआँ से आँखों में हो रहे,
किरकिरी,आँसुओं का छलकाव।
ठंढ़ से मरती जिंदगियों में,
जोश भरती उष्णता का प्रभाव।
?
आग में जला आलू,बैगन,टमाटर
की चटनी,चोखा का स्वाद लाजबाव।
गरम-गरम धी में
डूबा,लिट्टी में सत्तु का भराव।
?
प्रेम रसों का इसमें,
थोड़ा-थोड़ा सा छिड़काव।
इसके सामने फीका है,
मुगलई बिरयानी और पुलाव।
?
किस्से सुनाते बुढ़े-बुजुर्ग अपने
जवानी की देकर मुछों पर ताव।
ध्यान से सुनते सभी बड़े-बच्चे,
ऐसे कि जाने कितना हो सुनने में चाव।
?
कोई सुनाता,गीत,सोहर,
तो कोई जोक, लतीफे बेहिसाब।
खत्म करता हुआ ,
रिस्तों में पड़ा हुआ अलगाव।
?
छोटे-बड़े सबके चेहरे पर,
अन्जाने से खुशियों का ठहराव।
महिला-पुरूष,छोटे-बडे सभी,
बैठे हैं एक साथ मिटाकर भेदभाव।
?
खुश मिजाज हैं सभी मस्त,
बदला-बदला सा सबका स्वभाव।
आँखों में जाने छुपें हुए,
छलक उठे कितने तरह के भाव।
?
आते-जाते लोग भी आग देख,
रूक कुछ पल को डालते पड़ाव।
कोई सेकता हाथ और पाव,
कोई करता रिस्तों का सेंकाव।
?
प्रसुति महिला के लिये,
संजिवनी का काम करता अलाव।
खाट के नीचे रखकर,
करती कमर का सेकाव।
?
कमर दर्द की शिकायत में,
सुपर आयोडेक्स है इसका सुझाव।
ग्रामिण क्षेत्रों में ठंढ़ से बचने का,
अलाव सबसे नयाब नुस्खा है जनाब।
????—लक्ष्मी सिंह?☺

Language: Hindi
362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
*हर साल नए पत्ते आते, रहता पेड़ पुराना (गीत)*
*हर साल नए पत्ते आते, रहता पेड़ पुराना (गीत)*
Ravi Prakash
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही  दुहराता हूँ,  फिरभ
बेरोजगारी मंहगायी की बातें सब दिन मैं ही दुहराता हूँ, फिरभ
DrLakshman Jha Parimal
मिट्टी की खुश्बू
मिट्टी की खुश्बू
Dr fauzia Naseem shad
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Ye Sidhiyo ka safar kb khatam hoga
Sakshi Tripathi
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
*
*"संकटमोचन"*
Shashi kala vyas
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
फिर से ऐसी कोई भूल मैं
gurudeenverma198
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मंचीय महारथियों" और
*Author प्रणय प्रभात*
अव्यक्त प्रेम
अव्यक्त प्रेम
Surinder blackpen
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
न्याय तुला और इक्कीसवीं सदी
आशा शैली
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐प्रेम कौतुक-223💐
💐प्रेम कौतुक-223💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
वक़्त वो सबसे ही जुदा होगा
वक़्त वो सबसे ही जुदा होगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
व्याकुल तू प्रिये
व्याकुल तू प्रिये
Dr.Pratibha Prakash
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
कभी मायूस मत होना दोस्तों,
Ranjeet kumar patre
नफ़रत
नफ़रत
विजय कुमार अग्रवाल
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
उसकी सौंपी हुई हर निशानी याद है,
Vishal babu (vishu)
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...