Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2017 · 1 min read

” ———————- अलसाई सी धूप “

रात दिवस ठंडे लगते, शीतलता चहुँ ओर !
गरम गरम की चाहना, मदमाती सी भोर !!

निखरी निखरी है छटा, निखरा निखरा रूप !
अलसाया सूरज लगे, अलसाई सी धूप !!

चढ़ी कपकपी बदन पर, सरदी है खुशहाल !
मक्के की रोटियां कहीं, सजता हलवा थाल !!

बदन कसरती चाहिये, मौसम है अनुकूल !
खाया पीया अंग लगे, रोग चटायें धूल !!

पढ़ने में चित मन लगे, लगती प्यारी नींद !
आँखों में सपने सजे, वक्त दिखाये सींग !!

बिछी बर्फ की चादर है, काँप रहा बुढ़ापा !
जोशे जवानी मस्त है, मस्ती राग अलापा !!

बृज व्यास

Language: Hindi
755 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
मैं तो महज संसार हूँ
मैं तो महज संसार हूँ
VINOD CHAUHAN
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
मैं जान लेना चाहता हूँ
मैं जान लेना चाहता हूँ
Ajeet Malviya Lalit
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वफा माँगी थी
वफा माँगी थी
Swami Ganganiya
किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
किस गुस्ताखी की जमाना सजा देता है..
कवि दीपक बवेजा
!! मेरी विवशता !!
!! मेरी विवशता !!
Akash Yadav
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
रंग पंचमी
रंग पंचमी
जगदीश लववंशी
दिल कि गली
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किताब
किताब
Sûrëkhâ Rãthí
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
चलते जाना
चलते जाना
अनिल कुमार निश्छल
न दिल किसी का दुखाना चाहिए
न दिल किसी का दुखाना चाहिए
नूरफातिमा खातून नूरी
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
हसरतें बहुत हैं इस उदास शाम की
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट
बहुत याद आएंगे श्री शौकत अली खाँ एडवोकेट
Ravi Prakash
■ ज्यादा कौन लिखे?
■ ज्यादा कौन लिखे?
*Author प्रणय प्रभात*
पर्यावरण
पर्यावरण
Madhavi Srivastava
होता अगर मैं एक शातिर
होता अगर मैं एक शातिर
gurudeenverma198
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
" यही सब होगा "
Aarti sirsat
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
मृदुलता ,शालीनता ,शिष्टाचार और लोगों के हमदर्द बनकर हम सम्पू
DrLakshman Jha Parimal
बुलेटप्रूफ गाड़ी
बुलेटप्रूफ गाड़ी
Shivkumar Bilagrami
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
Loading...