Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2017 · 1 min read

अयोध्या मुद्दे पर मेरी कुछ पंक्तियाँ

क्यों मंदिर और मस्जिद के मुद्दे को इतना प्रबल बनाया है,
जबकि मंदिर में भगवान और मस्जिद में खुदाया है,
उस मालिक की सुरक्षा में लगा ये जमाना है,
जिसने इस सारे जहाँ को इतना खूबसूरत बनाया है,
उसके लिए न्याय की तलाश है सारी आबाम को,
जिसने गीता सार और क़ुरआने आयत से सभी को रास्ता दिखाया है,
क्या फर्क पड़ता है अयोध्या में मंदिर बने या मजार,
दोनों में ही बैठेगा सबका मालिक सबका पालनहार,
धर्म के नाम पर बस दंगों को बढ़ाबा दिया जाता है,
जो पहन नही सकता महँगे बस्त्र जो खा नहीं सकता ढेर सारे पकवान,
उसके लिए लाखो का चढ़ावा चढ़ाया जाता है,
कोई नेता आता है हिन्दू कोई आता है मुस्लमान,
क्यों कोई नेता आज तक नहीं आया बनके सिर्फ इंसान,
एक नेता का फैसला हमेशा जनहित में जारी होना चाहिए,
कोई फैसला हिन्दू या मुस्लमान पे नहीं हाबी होना चाहिए,
बढ़ता ही जा रहा है दिन प्रतिदिन मजहब पे लड़ने वालों का हौसला,
क्यों सरकार व्यर्थ के कार्यों को छोड़ कर इस मुद्दे का नहीं करती फैसला,

Language: Hindi
Tag: लेख
378 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
बढ़ी शय है मुहब्बत
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
मेरा स्वप्नलोक
मेरा स्वप्नलोक
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
परोपकार का भाव
परोपकार का भाव
Buddha Prakash
भोग कामना - अंतहीन एषणा
भोग कामना - अंतहीन एषणा
Atul "Krishn"
महबूबा
महबूबा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जंगल का रिवाज़
जंगल का रिवाज़
Shekhar Chandra Mitra
चाहत
चाहत
Dr Archana Gupta
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
You cannot feel me because
You cannot feel me because
Sakshi Tripathi
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
Extra people
Extra people
पूर्वार्थ
इश्क़
इश्क़
हिमांशु Kulshrestha
फिर मिलेंगें
फिर मिलेंगें
साहित्य गौरव
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरा प्रदेश
मेरा प्रदेश
Er. Sanjay Shrivastava
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
■ 80 फीसदी मुफ्तखोरों की सोच।
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Vindhya Prakash Mishra
"कविता और प्रेम"
Dr. Kishan tandon kranti
2502.पूर्णिका
2502.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बोलती आँखे....
बोलती आँखे....
Santosh Soni
💐अज्ञात के प्रति-124💐
💐अज्ञात के प्रति-124💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh Manu
निर्वात का साथी🙏
निर्वात का साथी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
दुष्यन्त 'बाबा'
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
Kshma Urmila
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...