Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2016 · 1 min read

अमोल रत्न बाबा साहब

सपने सच हो रहे तमाम,
हे स्वपनदृष्टा! तुमको प्रणाम
तुमने जो कर दिखाया है
मनुज सोच भी न पाया है
ऐसा प्रणबल,जिसकी न थाह
नापा संघर्ष-सागर अथाह
दिया संविधान,तुमने बेमिसाल
हम भारतीय,हुए हैं निहाल
दलित और बेबस था जो
उठा के सर,खड़ा है वो
मानव को मानव के समान
मिलने लगा हक और मान
सराहते तुम्हें विश्व ने कहा
न्याय प्रणेता,प्रतीक ज्ञान का
मानता तुम्हें यह संसार आज
अमोल रत्न तुम,भारत के ताज

(हेमा तिवारी भट्ट की ओर से बाबा साहब अम्बेडकर जी को सादर श्रद्धा सुमन)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
प्रणय 2
प्रणय 2
Ankita Patel
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
इसकी औक़ात
इसकी औक़ात
Dr fauzia Naseem shad
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*सेवानिवृत्ति*
*सेवानिवृत्ति*
पंकज कुमार कर्ण
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
वो क्या गिरा
वो क्या गिरा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मंजिल तक का संघर्ष
मंजिल तक का संघर्ष
Praveen Sain
2491.पूर्णिका
2491.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
गारंटी सिर्फ़ प्राकृतिक और संवैधानिक
Mahender Singh
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
कतरनों सा बिखरा हुआ, तन यहां
Pramila sultan
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
Dr Shweta sood
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
In case you are more interested
In case you are more interested
Dhriti Mishra
💐अज्ञात के प्रति-68💐
💐अज्ञात के प्रति-68💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
दीवाली
दीवाली
Mukesh Kumar Sonkar
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
#कुदरत_केरंग
#कुदरत_केरंग
*Author प्रणय प्रभात*
सविनय निवेदन
सविनय निवेदन
कृष्णकांत गुर्जर
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
हिंदी दोहा शब्द- घटना
हिंदी दोहा शब्द- घटना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
Loading...