Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2017 · 1 min read

“अब तो मैं…… डरता हूँ “(शेर)

“अब तो मैं…. डरता हूँ”
(शेर)
1.
मैं कहाँ अदावत से डरता हूँ
मैं तो बस ज़िलालत से डरता हूँ
इतना लूटा गया हैं मुझे प्यार दिखा दिखा कर
कि अब तो मैं मोहब्बत से डरता हूँ।

2.
मैं कहाँ हिमाक़त से डरता हूँ
मैं तो बस बगावत से डरता हूँ
इतना ठगा गया हैं मुझे नेकी दिखा दिखा कर
कि अब तो मैं शराफ़त से डरता हूँ।

3.
मैं कहाँ असलियत से डरता हूँ
मैं तो बस जम्बूरियत से डरता हूँ इतना लड़ाया गया हैं मुझे खुदा के नाम पर
कि अब तो मैं इबादत से डरता हूँ।

4.
मैं कहाँ ज़मानत से डरता हूँ
मैं तो बस ख़तावत से डरता हूँ
इतना उपयोग किया गया है मुझे आगे रख रख कर
कि अब तो मैं मुख़ाल्फत से डरता हूँ।

5.
मैं कहाँ हकीक़त से डरता हूँ
मैं तो बस फज़ीयत से डरता हूँ
इतना द्वंद हुआ हैं बटवारे के वक्त घर पर मेरे
कि अब तो मैं मिल्कियत से डरता हूँ।

6.
मैं कहाँ सदावत से डरता हूँ
मैं तो बस शिकायत से डरता हूँ
इतना बाट दिया हैं सियासतदारों ने हमें
कि अब तो मैं सियासत से डरता हूँ।

रामप्रसाद लिल्हारे “मीना “

Language: Hindi
Tag: शेर
495 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा छंद विधान
दोहा छंद विधान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
.तेरी यादें समेट ली हमने
.तेरी यादें समेट ली हमने
Dr fauzia Naseem shad
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
फारवर्डेड लव मैसेज
फारवर्डेड लव मैसेज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
तू होती तो
तू होती तो
Satish Srijan
सावन
सावन
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
"सोचिए जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
2366.पूर्णिका
2366.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
You cannot feel me because
You cannot feel me because
Sakshi Tripathi
प्रकृति पर कविता
प्रकृति पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
मुक्तक
मुक्तक
दुष्यन्त 'बाबा'
बरसात हुई
बरसात हुई
Surya Barman
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
#कालचक्र
#कालचक्र
*Author प्रणय प्रभात*
वो वक्त कब आएगा
वो वक्त कब आएगा
Harminder Kaur
यदि मन में हो संकल्प अडिग
यदि मन में हो संकल्प अडिग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
अपने पुस्तक के प्रकाशन पर --
Shweta Soni
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
जंगल ही ना रहे तो फिर सोचो हम क्या हो जाएंगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...