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24 Sep 2017 · 1 min read

“*”*अब तो दरस दिखा दो *”*”

श्यामल घटा आच्छादित है नभ।
तडित भी दमकत है चहुंओर।।
बदरा संग बरसत मोरे नैना।
अब तो दरसन दो चितचोर।।
तोहरी याद सतावे जिया में।
झूम झूम नाचे मन मोर।।
बाट निहारत यूं दिन रैना।
जैसे चांद के लिए चकोर।।

——-रंजना माथुर दिनांक 13/07/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
316 Views
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