Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2016 · 1 min read

अपेक्षायें

भाईयों-बहिनों
को चाहिए,
भाई ज़िम्म़ेवार।
माता-पिता
को पुत्र पूरा।
समाज को
इंसान जो जिए
दूसरों के लिए ।
देश को चाहिए
सच्चा देशभक्त ।
मित्रों को चाहिए
मित्रता अनपेक्षित
सहयोग सहित ।
कला को
समर्पण ।
सभी को
आधा-अधूरा नहीं,
पूरा का पूरा चाहिए।
सभी को चाहिए,
अलग-अलग
समझौते अपने
ही अनुसार ।
केवल एक अकेले
ही आदमी से ।
सोचो !
कितने रूपों में बटकर ।
कितने भागों में कटकर ।
कितनी बार पिसकर ।
कहाँ-कहाँ से घिसकर ।
पुनर्जीवित-सी हो-हो कर,
खड़ी हो जाती है प्रतिभा ।
लेकिन- ज़रा
विचार करो कि-
जो प्रतिभाहीन हैं,
उनके खड़े न होने में
उपर्युक्त बातें
कितनी सहायक हैं. ?

Language: Hindi
2 Likes · 10 Comments · 1712 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
मुझे मेरी फितरत को बदलना है
Basant Bhagawan Roy
कविता
कविता
Vandana Namdev
खाली मन...... एक सच
खाली मन...... एक सच
Neeraj Agarwal
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बे मन सा इश्क और बात बेमन का
बे मन सा इश्क और बात बेमन का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
⚘️🌾गीता के प्रति मेरी समझ🌱🌷
Ms.Ankit Halke jha
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
कैसे भुल जाऊ उस राह को जिस राह ने मुझे चलना सिखाया
Shakil Alam
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
संगीत
संगीत
Vedha Singh
Three handfuls of rice
Three handfuls of rice
कार्तिक नितिन शर्मा
मदद
मदद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुझे पन्नों में उतार कर
तुझे पन्नों में उतार कर
Seema gupta,Alwar
फितरत इंसान की....
फितरत इंसान की....
Tarun Singh Pawar
चाय पार्टी
चाय पार्टी
Mukesh Kumar Sonkar
■ अपनी-अपनी मौज।
■ अपनी-अपनी मौज।
*Author प्रणय प्रभात*
माँ
माँ
Sidhartha Mishra
शु'आ - ए- उम्मीद
शु'आ - ए- उम्मीद
Shyam Sundar Subramanian
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
3283.*पूर्णिका*
3283.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
💐प्रेम कौतुक-499💐
💐प्रेम कौतुक-499💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
घड़ी
घड़ी
SHAMA PARVEEN
हरसिंगार
हरसिंगार
Shweta Soni
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
नीम करोरी वारे बाबा की, महिमा बडी अनन्त।
Omprakash Sharma
Loading...