Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2017 · 1 min read

अपनों के दरमियां सियासत फ़िजूल है, ………

अपनों के दरमियां सियासत फ़िजूल है,
मक़सद न हो कोई, तो बग़ावत फ़िजूल है.
रोज़ा, नमाज़, हज, या हो सदक़ा -ए -ख़ैरात;
अपने ना खुश हों, तो सारी इबादत फ़िजूल है।।
(अवनीश कुमार )

Language: Hindi
577 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
"दुखती रग.." हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जय श्री राम
जय श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
2969.*पूर्णिका*
2969.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
चर्चित हो जाऊँ
चर्चित हो जाऊँ
संजय कुमार संजू
हर वो दिन खुशी का दिन है
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
सामाजिक रिवाज
सामाजिक रिवाज
Anil "Aadarsh"
पानी से पानी पर लिखना
पानी से पानी पर लिखना
Ramswaroop Dinkar
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
--कहाँ खो गया ज़माना अब--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
कहीं और हँसके खुशियों का इज़हार करते हैं ,अपनों से उखड़े रहकर
DrLakshman Jha Parimal
it's a generation of the tired and fluent in silence.
it's a generation of the tired and fluent in silence.
पूर्वार्थ
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
Jyoti Khari
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*संसार में कितनी भॅंवर, कितनी मिलीं मॅंझधार हैं (हिंदी गजल)*
*संसार में कितनी भॅंवर, कितनी मिलीं मॅंझधार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
ओ पथिक तू कहां चला ?
ओ पथिक तू कहां चला ?
Taj Mohammad
श्री कृष्ण अवतार
श्री कृष्ण अवतार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐प्रेम कौतुक-446💐
💐प्रेम कौतुक-446💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■
■ "शिक्षा" और "दीक्षा" का अंतर भी समझ लो महाप्रभुओं!!
*Author प्रणय प्रभात*
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
मन का मिलन है रंगों का मेल
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
ध्यान-उपवास-साधना, स्व अवलोकन कार्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नारी तुम
नारी तुम
Anju ( Ojhal )
आशा
आशा
Sanjay ' शून्य'
" समय बना हरकारा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
दोहे
दोहे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...