Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2017 · 1 min read

” ————————————-अपने माथे चंदन ” !!

बिगड़ी बनती सरकारें हैं , कैसे हैं गठबंधन !
आज अछूत हुए वे अपने , करते थे अभिनन्दन !!

वोट साथ में मांगे थे , अब राहें बदल गई हैं !
उनके माथे काला टीका , अपने माथे चंदन !!

प्रेसवार्ता होती घर पर , सबको सुनना भर है !
यहां नाम पर अब भी देखो , होता महिमामंडन !!

डूब गए आकंठ यहां पर , भष्टाचार न छूटा !
वोटों के दम हैं पर मिलते ,यों बहुतेरे नमन !!

अपनी छवि को आज निहारें , दागी ना कहलाएं !
बीस माह से झूल रहा था , यहां महागठबंधन !!

एक दूजे पर दोषारोपण , कौन आइना देखे !
नैतिकता ने दम तोड़ा है , झूंठे हैं आलिंगन !!

कौन है सच्चा कौन है झूंठा , जनता विवश खड़ी है !
कुर्सी पर बैठी है सत्ता , लुटता केवल जन मन !!

रोज़ यहां बिछती है चौसर , राजनीति की चौखट !
अनहोनी होनी बन जाये , जन देखे परिवर्तन !!

मोहपाश सत्ता का ऐसा , तजना बड़ा कठिन है !
कांटों के संग फूल यहां पर , महके नंदन वन है !!

बृज व्यास

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 476 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भूखे भेड़िये हैं वो,
भूखे भेड़िये हैं वो,
Maroof aalam
सपनों का अन्त
सपनों का अन्त
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
हिन्दी दोहा बिषय-चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
Rj Anand Prajapati
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-266💐
💐प्रेम कौतुक-266💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#नज़्म / पता नहीं क्यों...!!
#नज़्म / पता नहीं क्यों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
यादें
यादें
Versha Varshney
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
सुबह-सुबह की लालिमा
सुबह-सुबह की लालिमा
Neeraj Agarwal
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
** बहुत दूर **
** बहुत दूर **
surenderpal vaidya
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
हाथों में गुलाब🌹🌹
हाथों में गुलाब🌹🌹
Chunnu Lal Gupta
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
मैंने इन आंखों से ज़माने को संभालते देखा है
Phool gufran
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता है।
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता है।
umesh mehra
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
"आकुलता"- गीत
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
// ॐ जाप //
// ॐ जाप //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
मेरा जो प्रश्न है उसका जवाब है कि नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
2842.*पूर्णिका*
2842.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
গাছের নীরবতা
গাছের নীরবতা
Otteri Selvakumar
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
*आऍं-आऍं राम इस तरह, भारत में छा जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
अच्छे दिन
अच्छे दिन
Shekhar Chandra Mitra
सत्य कहाँ ?
सत्य कहाँ ?
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
Ram Krishan Rastogi
धूम भी मच सकती है
धूम भी मच सकती है
gurudeenverma198
Loading...